Naag Panchami : घर बनाते हुए नींव में लगाएं चांदी के नाग, करें पूजा, हमेशा रक्षा करेंगे शेषनाग
आमतौर पर घरों में सांप निकलने पर भले ही हम उसे खतरा समझ कर बाहर हटाने का प्रयास करते हैं, लेकिन पौराणिक मान्यताओं में है कि सर्प स्थापित करने से घर हमेशा सुरक्षित रहता है.
Naag Panchami : सावन में नागपंचमी पर नागों की पूजा का विशेष महत्व है. खासतौर पर जब हम अपने घर का निर्माण शुरू कराने जा रहे हो तो कलश स्थापना के लिए जमीन की खुदाई के बाद चांदी के सर्प को भी नींव में स्थापित करने से मकान बिना किसी विघ्न के तैयार होता है. वह हमेशा सुरक्षित बना रहता है. मान्यता है कि इसके बाद पाताल स्वामी शेषनाग खुद उस घर की रक्षा की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लेते हैं.
मान्यता के अनुसार घर की नींव के लिए खुदाई करने के बाद चांदी का छोटा नाग और तांबे का कलश मंगवा लें. पहले कलश को हल्दी, कुमकुम, चावल से पूजा करें इसके बाद उसके जोड़ पर अनंत या नाड़ी बांध लें. फिर इसमें दूध, दही, घी, फूल और कुछ सिक्का डालकर भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और शेषनाग का आवाहन करें. इसके बाद कलश को नींव में सही से स्थापित कर दें. इसके बाद ही मकान की पहली ईंट या निर्माण शुरू कराएं. माना जाता है कि इस कर्मकांड के बाद खुद श्रीहरि विष्णु, मां लक्ष्मी और शेषनाग मकान की रक्षा का उत्तरदायित्व ले लेते हैं.
परंपरा का धार्मिक आधार यह भी है कि धरती के नीचे एक पाताल लोक की कल्पना की गई है, ऐसे में जब हम भूमि खुदाई करते हैं तो पाताल लोक की सत्ता में दखल दे रहे होते हैं. पौराणिक कथाओं में जिक्र है कि पाताल लोक के स्वामी शेषनाग हैं, ऐसे में उनके लोक में प्रवेश करने के साथ उन्हें प्रसन्न कर आज्ञा लेने के लिए यह पूजा जरूरी है. एक और पौराणिक कथा के अनुसार पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी है. इस तरह मकान की नींव में सर्प की पूजा और स्थापना का अर्थ यह कि शेषनाग पूरी मजबूती के साथ मकान भी संभालेंगे. शेषनाग भगवान विष्णु की शैय्या भी हैं. कहा जाता है कि क्षीर सागर में विष्णुजी शेषनाग के ऊपर विश्राम करते हैं. शास्त्रों में कलश को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है. इसमें लक्ष्मी यानी सिक्का डाला जाता और स्थापना से पहले दूध, दही भरकर शेषनाग को अर्पित करते हुए नींव में स्थापित कर दिया जाता है. चूंकि दूध और दही सांपों का प्रिय आहार है, ऐसे में शेषनाग जी की पूजा अर्चना में इसका बहुत महत्व है. इस तरह की पूजा से माना जाता है कि मकान बनाने वाले व्यक्ति ने पूरे ब्रह्मांड की पूजा कर ली है, जिससे बनने जा रहा मकान किसी विघ्न बिना पूरा हो जाएगा.