Ravi Pushya Nakshtra: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कुल नक्षत्रों की संख्या 27 मानी गई है. जिसमें से पुष्य नक्षत्र का स्थान 8वां है. पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है. जब यही पुष्य नक्षत्र रविवार के दिन पड़ता है तो इस नक्षत्र एवं वार के संयोग से रवि पुष्य योग बनता है. ऐसा माना जाता है कि इस योग में ग्रहों की सभी बुरी दशाएं भी अनुकूल हो जाती हैं. रवि पुष्य नक्षत्र एक ऐसा दिन होता है कि जब कोई भी आवश्यक शुभ कार्य किया जा सकता है. आइए जानते हैं रवि पुष्य नक्षत्र का शुभ समय और इस रवि पुष्य नक्षत्र में किए जाने वाले 10 कार्यों के बारे में.
रवि पुष्य नक्षत्र का शुभ समय:
पुष्य नक्षत्र 10 अक्टूबर को रात्रि 8 बजकर 54 मिनट से शुरू होगा जो कि 11 अक्टूबर को रात्रि 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगा.
- रवि पुष्य नक्षत्र के दिन सोने के आभूषण खरीदने से समृद्धि बनी रहती है.
- रवि पुष्य नक्षत्र के दिन जमीन, मकान और वाहन खरीदना शुभ माना जाता है.
- रवि पुष्य नक्षत्र के दिन दक्षिणावर्ती शंख को अपनी दुकान में रखने से व्यापार में बढ़ोत्तरी होती है.
- रवि पुष्य नक्षत्र के दिन चांदी का एक चौकोर टुकड़ा खरीदकर लाने और उसका पूजन करने से आर्थिक संकट दूर होता है.
- रवि पुष्य नक्षत्र के दिन विष्णु भगवान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा और श्रीयंत्र खरीदने से समृद्धि आती है.
- रवि पुष्य नक्षत्र के दिन छोटे बच्चों का उपनयन संस्कार और विद्याभ्यास के लिए गुरुकुल में भेजना चाहिए.
- रवि पुष्य नक्षत्र के दिन नए व्यापार की शुरुआत करना श्रेष्ठ माना गया है.
- रवि पुष्य नक्षत्र के दिन तंत्र-मंत्र की सिद्धि करने से निश्चित ही सफलता मिलती है.
- रवि पुष्य नक्षत्र के दिन गाय को गुड़ खिलाने से आर्थिक लाभ होता है.
- यदि किसी के जन्म कुंडली में सूर्य दोष हो तो रवि पुष्य नक्षत्र का दिन सूर्य दोष के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है.