Pushya Nakshatra: 04 सितंबर का दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष है. इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं. विशेष बात ये है कि इस दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा. जिसे सभी 27 नक्षत्रों का राजा कहा गया है. पुष्य नक्षत्र को अत्यंत शुभ माना गया है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुष्य नक्षत्र, नक्षत्रों का राजा कहलाने के कारण मुहूर्त के कई दोष स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं. शास्त्रों में पुष्य का अर्थ है पोषण करने वाला, ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने वाला. पुष्य नक्षत्र कर्क राशि के अंतर्गत आता है और इसका स्वामी चंद्रमा है. जो कि 04 सितंबर 2021 को कर्क राशि में विराजमान रहेगा.
पुष्य नक्षत्र का स्वामी कौन सा ग्रह है?
पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं. इसके साथ इसके अधिष्ठाता देवता देव गुरु बृहस्पति हैं. वर्तमान समय में शनि और बृहस्पति ग्रह वक्री अवस्था में गोचर कर रहे हैं. शनि इस समय मकर राशि में वक्री होकर विराजमान हैं तो गुरु वक्री होकर कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं.
पुष्य नक्षत्र कब से कब तक रहेगा?
पंचांग के अनुसार पुष्य नक्षत्र का आरंभ 03 सितंबर 2021, शुक्रवार को शाम 04 बजकर 42 मिनट से होगा. पुष्य नक्षत्र 04 सितंबर 2021, शनिवार को शाम 05 बजकर 45 मिनट तक रहेगा.
पुष्य नक्षत्र के उपाय
कार्यों में बाधा का सामना करना पड़ रहा है तो पुष्य नक्षत्र में कुछ उपाय करने से लाभ प्राप्त होता है. ऐसी मान्यता है. कार्यों में बाधा आने पर पुष्य नक्षत्र में पीपल का पौधा लगाना चाहिए. इसके साथ ही गाय को घी लगाकर रोटी खिलाना भी शुभ फलदायी माना गया है. इस दिन मंदिर में घी का दीपक जलाना चाहिए. पुष्य नक्षत्र में लक्ष्मी जी की पूजा करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस दिन लक्ष्मी जी को लाल पुष्प चढ़ाने चाहिए.
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