हर उत्पाद सभी जगह सफल हो नहीं हो सकते. किसी भी उत्पाद को किसी विशेष क्षेत्र में सफल होने के लिए वातावरण के साथ बहुत से अन्य परिस्थियां शामिल होती हैं. उदाहरण के लिए, आप कोई सेवा का उत्पाद दे रहे हैं. आपका किसी एक राज्य में व्यापार अच्छा चल रहा है तो आप बिना देरी किए उसे अन्य राज्यों में फैला दें. यह इसलिए क्योंकि व्यापार में परिस्थियां एक जैसी नहीं होती हैं.
अगर आपने अपना व्यवसाय फैलाया हुआ है तो बहुत संभव है कि किसी एक राज्य में अगर आपका व्यापार किसी कारण वश ठीक नहीं चलता है तो आप उस राज्य में अपने व्यवसाय को संचालित करते रह सकते हैं. व्यापार में सबसे बड़ी जरूरत टिके रहने की होती है. अगर आपने व्यापार फैलाया हुआ है तो आपके पास आय के कई स्रोत बन जाते हैं. किसी एक राज्य का व्यापार बंद होने या कम चलने से आप व्यापार में टिके रह सकते हैं.
उत्पादन और वितरण दोनों अलग क्षेत्र है दोनों के संतुलन से व्यापार फलता फूलता है. केवल उत्पादन ही महत्वर्पूण नहीं होता है. आजकल एक नई चर्चा बाजार में चल रही है. उत्पाद का अर्थ सिर्फ किसी उत्पाद का निर्माण ही नहीं बल्कि उसकी बिक्री के बाद धन प्राप्ति से है. अन्यथा ऐसे उत्पादन का क्या अर्थ है. वास्तव में उत्पादन उतना महत्वर्पूण नहीं होता है जितना उसकी बिक्री. इसीलिए हर संस्थान में विक्रय विभाग ज्यादा महत्वर्पूण माना जाता है.
कहानी कहने का कुल इतना मतलब है कि समय रहते आप अपने उत्पाद को अपनी क्षमता के अनुसार फैला दें ताकि आप व्यापार में आने वाले झटके को सहने के काबिल बन जाएं. व्यापार में ये कभी नहीं सोचना चाहिए कि हर समय ऐसा ही चलेगा. इसलिए पहले से आय का एक सुनिश्चित हिस्सा उसके फैलाव में लगाते रहें. ज्यादा लाभ के चक्कर में किसी एक स्थान के लाभ का मुह न देखें. ताकि भविष्य में आने वाले बदलाव को सम्हालने के लिए तैयार रहें.