मंगलवार: हनुमान जी के 108 नामों को पढ़ने से आएगी अच्छी नींद, इन दिक्कतों से मिलेगी निजात
मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन माना जाता है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन के कष्ठ दूर होते हैं. क्योंकि हनुमान जी को संकटमोचक माना गया है.
हनुमान जी की पूजा और उपासना का विशेष महत्व है. लेकिन हनुमान जी एक ऐसे भगवान हैं जिनके संपूर्ण नाम लेने से ही उनकी कृपा प्राप्त होती है. हनुमान जी अपने भक्तों का कष्ट नहीं देख सकते हैं इसलिए जो भी भक्त सच्चे मन से उनकी आराधना करता है उससे वे प्रसन्न रहते हैं.
आज मंगलवार है और हनुमान जी की रात्रि पूजा का भी विशेष महत्व है. जो लोग दिन में किसी कारण से सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ से वंचित रह गए हैं वे रात में सोने से पहले इन नामों को लेने से भी हनुमान जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.
नाम लेने से लाभ जिन लोगों को रात में नींद नहीं आनी की समस्या है वे इसे नित्य कर सकते हैं. वहीं अगर बुरे सपने आते हैं या फिर किसी अज्ञात से भय रहता है तो रात में सोने से पहले हनुमान जी के इन नामों को एक बार जरुर पढ़ें. इससे मानसिक तनाव दूर होेंगे और पूरे दिन की थकावट भी दूर होगी.
हनुमान जी के 108 नाम
1.भीमसेन सहायकृते 2. कपीश्वराय 3. महाकायाय 4. कपिसेनानायक 5. कुमार ब्रह्मचारिणे 6. महाबलपराक्रमी 7. रामदूताय 8. वानराय 9. केसरी सुताय 10. शोक निवारणाय 11. अंजनागर्भसंभूताय 12. विभीषणप्रियाय 13. वज्रकायाय 14. रामभक्ताय 15. लंकापुरीविदाहक 16. सुग्रीव सचिवाय 17. पिंगलाक्षाय 18. हरिमर्कटमर्कटाय 19. रामकथालोलाय 20. सीतान्वेणकर्त्ता 21. वज्रनखाय 22. रुद्रवीर्य 23. वायु पुत्र 24. रामभक्त 25. वानरेश्वर 26. ब्रह्मचारी 27. आंजनेय 28. महावीर 29. हनुमत 30. मारुतात्मज 31. तत्वज्ञानप्रदाता 32. सीता मुद्राप्रदाता 33. अशोकवह्रिकक्षेत्रे 34. सर्वमायाविभंजन 35. सर्वबन्धविमोत्र 36. रक्षाविध्वंसकारी 37. परविद्यापरिहारी 38. परमशौर्यविनाशय 39. परमंत्र निराकर्त्रे 40. परयंत्र प्रभेदकाय 41. सर्वग्रह निवासिने 42. सर्वदु:खहराय 43. सर्वलोकचारिणे 44. मनोजवय 45. पारिजातमूलस्थाय 46. सर्वमूत्ररूपवते 47. सर्वतंत्ररूपिणे 48. सर्वयंत्रात्मकाय 49. सर्वरोगहराय 50. प्रभवे 51. सर्वविद्यासम्पत 52. भविष्य चतुरानन 53. रत्नकुण्डल पाहक 54. चंचलद्वाल 55. गंधर्वविद्यात्त्वज्ञ 56. कारागृहविमोक्त्री 57. सर्वबंधमोचकाय 58. सागरोत्तारकाय 59. प्रज्ञाय 60. प्रतापवते 61. बालार्कसदृशनाय 62. दशग्रीवकुलान्तक 63. लक्ष्मण प्राणदाता 64. महाद्युतये 65. चिरंजीवने 66. दैत्यविघातक 67. अक्षहन्त्रे 68. कालनाभाय 69. कांचनाभाय 70. पंचवक्त्राय 71. महातपसी 72. लंकिनीभंजन 73. श्रीमते 74. सिंहिकाप्राणहर्ता 75. लोकपूज्याय 76. धीराय 77. शूराय 78. दैत्यकुलान्तक 79. सुरारर्चित 80. महातेजस 81. रामचूड़ामणिप्रदाय 82. कामरूपिणे 83. मैनाकपूजिताय 84. मार्तण्डमण्डलाय 85. विनितेन्द्रिय 86. रामसुग्रीव सन्धात्रे 87. महारावण मर्दनाय 88. स्फटिकाभाय 89. वागधीक्षाय 90. नवव्याकृतपंडित 91. चतुर्बाहवे 92. दीनबन्धवे 93. महात्मने 94. भक्तवत्सलाय 95.अपराजित 96. शुचये 97. वाग्मिने 98. दृढ़व्रताय 99. कालनेमि प्रमथनाय 100. दान्ताय 101. शान्ताय 102. प्रसनात्मने 103. शतकण्ठमदापहते 104. योगिने 105. अनघ 106. अकाय 107. तत्त्वगम्य 108. लंकारि
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