Tulsi Vivah 2021: देवउठनी एकादशी के दिन होता है शालीग्राम और तुलसी जी का विवाह, इस दिन पूजन के समय रखें इन बातों का ध्यान
Tulsi Pujan Niyam 2021: हिंदू धर्म में कार्तिक का महीना विशेष महत्व रखता है. कहते हैं कि इस महीने में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. चतुर्मास के आरंभ होने पर भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं.
Tulsi Pujan Niyam 2021: हिंदू धर्म में कार्तिक का महीना (Kartik Month) विशेष महत्व रखता है. कहते हैं कि इस महीने में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. चतुर्मास के आरंभ होने पर भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) योग निद्रा में चले जाते हैं, और पृथ्वी का कार्यभार भगवान शिव को सौंप देते हैं. कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi 2021) के दिन वे चार माह के आराम के बाद जागते हैं. इसलिए इस दिन इसे देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन से सभी शुभ मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं.
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि (Kartik Monthn Ekadashi Tithi) के दिन ही भगवान विष्णु के शालीग्राम अवतार (Shaligram And Tulsi Vivah) और तुलसी जी का विवाह भी किया जाता है. इस दिन को देवउठनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी (Devuthan Ekadashi 2021) कहा जाता है. बता दें कि इस साल देवउठनी एकादशी या तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) 15 नवंबर 2021, सोमवार के दिन पड़ रहा है.
तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) शुभ मुहूर्त 2021
तुलसी विवाह तिथि- 15 नवंबर 2021, सोमवार
द्वादशी तिथि आरंभ- 15 नवंबर 2021, सोमवार सुबह 06 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर
द्वादशी तिथि समाप्त- 16 नवंबर 2021, मंगलवार सुबह 08 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी.
एकादशी तिथि समापन 15 नवंबर को सुबह 06 बजकर 39 मिनट पर होगा और द्वादशी आरंभ होगी.
तुलसी पूजा में रखें इन बातों का ध्यान
धार्मिक ग्रंथों में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु के शालीग्राम अवतार और तुलसी जी का विवाह किया जाता है. कहते हैं कि इस दिन हर सुहागिन स्त्री को तुलसी विवाह जरूर करना चाहिए. इससे अंखड सौभाग्य और सुख-समृद्धि का प्राप्ति होती है.
- तुलसी पूजा के समय मां तुलसी को सुहाग का सामान और लाल चुनरी जरूर अर्पित करें.
- देवउठनी एकादशी के दिन गमले में शालीग्राम को तुलसी के साथ रखें और तिल भी चढ़ाएं.
- इस दिन तुलसी और शालीग्राम को दूध में भीगी हल्दी का तिलक अवश्य लगाएं.
- पूजा के बाद किसी भी चीज के साथ 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करना न भूलें.
- इस दिन मिठाई और प्रसाद का भोग अवश्य लगाएं. साथ ही, प्रसाद और मिठाई मुख्य आहार के साथ खाएं और लोगों में वितरण करें.
- तुलसी पूजा के समापन के बाद शाम को भगवान विष्णु से जागने का आह्वान करें.
Tulsi Vivah 2021: तुलसी विवाह, प्रबोधिनी एकादशी कब? पूजन में रखें इन बातों का ध्यान