Tulsidas Jayanti 2022: 4 अगस्त 2022 को रामचरितमानस के रचियता तुलसीदास (Tulsidas jayanti 2022 date) जी जयंती है. संत कवि गोस्वामी तुलसीदास के दोहे आज भी प्रासंगिक हैं. तुलसीदास जी ने ही भगवान श्रीराम के जीवन को रामचरितमानस में दर्शाया है. तुलसीदास जी के प्रेरणादायक दोहे जिसने जीवन में अपना लिए उसकी तरक्की तय है. इन दोहों में सफलता का राज छिपा है. आइए जानते हैं तुलसीदास जी के मोटिवेशनल कोट्स.


राम नाम  मनिदीप धरु जीह देहरीं द्वार।


तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजिआर।


अर्थात - तुलसीदास जी के अनुसार खुशहाल जीवन के लिए व्यक्ति को अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए. अपशब्द बोलने की बजाय राम का नाम जपे. इससे गुस्सा भी शांत होगा और रिश्तों में खटास भी नहीं आएगी.


तुलसी साथी विपत्ति के विद्या विनय विवेक ।


साहस सुकृति सुसत्यव्रत राम भरोसे एक।


अर्थात - विपरित हालातों में घबराएं नहीं. मुश्किल परिस्थिति में डर की बजाय बुद्धि का सही उपयोग करें. विवेक से काम लें. मुसीबत में साहस और अच्छे कर्म ही व्यक्ति को सफलता दिलाते हैं. ईश्वर पर सच्चा विश्वास रखें.


तुलसी देखि सुबेषु भूलहिं मूढ़ न चतुर नर।


सुंदर केकिहि पेखु बचन सुधा सम असन अहि।


अर्थात - तुलसीदास जी के अनुसार सुंदरता देखकर न सिर्फ मूर्ख बल्कि चालाक इंसान भी धोखा खा जाता है. मोर दिखने में बहुत सुंदर लगते हैं लेकिन उनका भोजन सांप है. इसलिए सुंदरता के आधार पर कभी व्यक्ति पर भरोसा न करें.


आगें कह मृदु बचन बनाई। पाछें अनहित मन कुटिलाई॥


जाकर ‍चित अहि गति सम भाई। अस कुमित्र परिहरेहिं भलाई


अर्थात -  तुलसीदान जी कहते हैं जो मित्र आपके सामने कोमल वचन बोले लेकिन मन में उसके द्वेष की भावना हो तो ऐसे दोस्त का तुरंत त्याग कर दें. ऐसे कुमित्र सफलता के मार्ग में रोड़ा बनते हैं.


तुलसी जे कीरति चहहिं, पर की कीरति खोइ।


तिनके मुंह मसि लागहैं, मिटिहि न मरिहै धोइ।।


अर्थात - तुलसीदास जी के अनुसार जो लोग दूसरों की बुराई कर खुद सम्मान पाना चाहते हैं, ऐसे लोग बहुत जल्द अपनी मान-प्रतिष्ठा खो देते हैं. इनके मुंह पर ऐसी कालिख पुत जाती है जो कभी नहीं मिटती. इसका मतलब है कि दूसरी की बुराई करने की बजाय अच्छे कर्म करें. इससे न सिर्फ कामयाबी मिलेगी बल्कि समाज में सम्मान के पात्र बनेंगे.


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