Unique Devi Temple: साल में सिर्फ 5 घंटे के लिए खुलता है ये मंदिर, महिलाएं नहीं कर सकती मंदिर में प्रवेश और दर्शन
Anokha Mandir: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से 12 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर स्थित निरई माता मंदिर साल में 5 घंटे के लिए खुलता है, लेकिन भक्तों की संख्या में कभी कमी नहीं आती.
Nirai Mata Temple: देवी मंदिरों की बात करें तो भारत में 51 शक्तिपीठ माने जाते हैं और हर मंदिर की अपनी अलग विशेषता है. एक ऐसा अनोखा मंदिर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से 12 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर स्थित है, जिसका नाम है निरई माता मंदिर. इस मंदिर में देवी मां की एक प्रतिमा है, जिन्हें लोग निरई माता के नाम से पुकारते हैं. निरई माता का मंदिर खास इसलिए है क्योंकि यह मंदिर साल में बस 5 घंटे के लिए खुलता है.माता तक पहुंचने का रास्ता दुर्गम है लेकिन फिर भी भक्तों की संख्या में कभी कमी नहीं आती.आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में.
सिर्फ 5 घंटे के लिए खुलता है मंदिर
दुनिया भर के मंदिरों में माता के दर्शन जहां कभी भी किए जा सकते हैं, वहीं निरई माता के मंदिर के कपाट साल में बस पांच घंटे के लिए ही खुलते हैं और वो भी नवरात्रि के किसी खास दिन.
महिलाएं नहीं कर सकती पूजा
निरई माता के मंदिर की एक खास बात यह है कि महिलाएं निरई माता के दर्शन नहीं कर सकती और न ही यहां का प्रसाद खा सकती हैं.मान्यता है कि अगर किसी महिला ने ऐसा किया तो उसके साथ कुछ न कुछ अनिष्ट होता है.
क्या चढ़ता है चढ़ावे में
यहां प्रसाद के रूप में भक्त सिर्फ नारियल और अगरबत्ती ही चढ़ाते हैं. निरई माता को सुहाग का समान जैसे कि सिंदूर, बिंदी, अलता आदि भी नहीं चढ़ाया जाता है.
दर्शन का समय
पांच घंटे के समय में दर्शन का समय सुबह के चार बजे से नौ बजे तक होता है.इसके बाद फिर से माता के कपाट बंद कर दिये जाते हैं. इस पांच घंटे के दौरान माता के दर्शन के लिए हजारों भक्त आते हैं.
यहां दीपक स्वयं जल उठता है
निरई माता के मंदिर की एक और खास विशेषता है,जिसकी वजह से यह मंदिर देश के अद्भुत मंदिरों में से एक माना जाता है. निरई माता के मंदिर के पास हर साल चैत्र नवरात्रि के दौरान रखा एक दीपक स्वयं जल उठता है. खास बात यह है कि यह दीपक नौ दिनों तक लगातार तब तक जलता रहता है जब तक कि चैत्र नवरात्रि खत्म नहीं हो जाता. इस दीपक में न कोई तेल डाला जाता है और न ही किसी प्रकार का ईंधन. तब भी यह दीपक कैसे और क्यों एक खास समय पर प्रज्वलित होता है, यह बात आज तक सभी के लिए रहस्य बनी हुई है.
माता के कोप का शिकार
मान्यता है कि निरई माता की बुराई करने वाले या फिर इस स्थल पर शराब पीकर जाने वाले व्यक्ति को माता के कोप का शिकार होना पड़ता है. ऐसे व्यक्ति पर अचानक ही मधुमक्खियां हमला कर देती हैं.
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