Utapnna Ekadashi Katha 2021: मार्गशीर्ष माह (Margashirsh Month) के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2021) के नाम से जाना जाता है. इसे कन्या एकादशी (Kanya Ekadashi 2021) और उत्पत्ति एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस साल उत्पन्ना एकादशी 30 नवंबर के दिन पड़ रही है. इस दिन भगवान श्री हरि की पूजा-उपासना की जाती है. ऐसा माना जाता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और दुखों से मुक्ति मिलती है. 


कहते हैं कि एकादशी के दिन व्रत उपवास करने से अश्वमेघ यज्ञ के समतुल्स फलों की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं, ऐसी भी मान्यता है कि एकादशी के रात को जागरण करने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है. अगर कोई व्यक्ति एकादशी का व्रत शुरु करना चाहता है चो उत्पन्ना एकादशी के दिन से शुरू कर सकते हैं. आइए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी की पौराणिक कथा के बारे में. 


उत्पन्ना एकादशी की पौराणिक कथा (Utpanna Ekadashi Katha)


पद्म पुराण में उत्पन्ना एकादशी के बारे में विस्तार से बताया गया है. पुरणों के अनुसार युधिष्ठिर को एकादशी की कथा सुनाते हुए श्री कृष्ण ने बताया, सतयुग में मुर नामक राक्षस ने देवताओ को पराजित कर स्वर्ग पर अपना अधिपत्य स्थापित कर लिया. ऐस होता देख तीनों लोकों में हाहाकार मच गया. स्थिति को देख देवता और ऋषिगण महादेव के पास पहुंचें. 


देवताओं की व्यथा सुनने के बाद भगवान शिव ने कहा-इस समस्या का समाधान भगवान विष्णु के पास है. तत्पश्चात, सभी देवता भगवान विष्णु के पास पहुंचें और उन्हें स्थिति से अवगत कराया. कालांतर में भगवान श्रीहरि असुर मुर के सैकड़ों सेनापतियों का वध कर विश्राम हेतु बद्रिकाश्रम चले गए. सेनापतियों के वध का समाचार पाते ही मुर क्रोधित हो गया और वे बद्रिकाश्रम पहुंच गया.


उसी समय भगवान श्रीहरि के शरीर से एक कन्या उत्पन्न हुई. और कन्या-असुर मुर के बीच भीषण युद्ध हुआ. और इस युद्ध में कन्या ने असुर मुर का वध कर दिया. जब भगवान विष्णु निद्रावस्था से जागे, तो कन्या के कार्य से प्रसन्न होकर कन्या को एकादशी के नाम से संबोधित किया. और एकादशी तिथि को प्रिय बताया. तब सभी देवी-देवताओं ने कन्या की वंदना की. तब से ही एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा उपासना की जाती है. 


उत्पन्ना एकादशी पूजा मुहूर्त (Utapnna Ekadashi Puja Muhurat 2021)


उत्पन्ना एकादशी आरंभ: 30 नवंबर 2021, मंगलवार प्रातः 04:13 बजे से शुरु होकर 


उत्पन्ना एकादशी समापन: 01 दिसंबर 2021, बुधवार मध्यरात्रि 02: 13 बजे तक 


पारण तिथि हरि वासर समाप्ति का समय: प्रातः 07:34 मिनट


द्वादशी व्रत पारण समय: 01 दिसंबर 2021, प्रातः 07:34 बजे से 09: 01 मिनट तक


 


 


Utpanna Ekadashi 2021: 30 नवंबर को है उत्पन्ना एकादशी, व्रत रखने से पहले जानें नियम, जरा-सी गलती पर नहीं मिलेगा फल


Margashirsh Amavasya 2021: कब है मार्गशीर्ष माह की अमावस्या 2021? जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.