(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Utpanna Ekadashi 2021: जानिए कब है उत्पन्ना एकादशी व्रत, पढ़िए व्रत कथा, पूजा और पारण विधि
Utpanna Ekadashi 2021: श्रीहरि विष्णुजी की शक्तियों में से एक उत्पन्ना एकादशी इस बार 30 नवंबर को पड़ रही है.
Utpanna Ekadashi 2021: मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष एकादशी उत्पन्ना एकादशी या उत्पत्ति एकादशी कही जाती है. इस वर्ष यह तीस नवंबर को पड़ रही है. उत्तर भारत के कई हिस्सों में उत्पन्ना एकादशी 'मार्गशीर्ष' माह में मनाई जाती है. महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और आंध्र आदि में इसे कार्तिक में भी मनाया जाता है. श्रद्धालु उत्पन्ना एकादशी की पूर्व संध्या पर माता एकादशी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस हिंदू तिथि पर उपवास को रखने से भक्तों के सभी अतीत और वर्तमान के पाप धुल जाते हैं. यह दिन भगवान विष्णु की शक्तियों में से एक देवी एकादशी के सम्मान में मनाया जाता है. वह भगवान विष्णु का हिस्सा थीं और राक्षस मुर को मारने के लिए उनसे पैदा हुई थी, जब उसने शयन के समय भगवान विष्णु पर हमला करने और मारने की कोशिश की थी. इस दिन को मां एकादशी की उत्पत्ति और मूर के विनाश के रूप में याद किया जाता है.
उत्पन्ना एकादशी के अनुष्ठान
1. उत्पन्ना एकादशी व्रत एकादशी की सुबह से शुरू होता है और 'द्वादशी' सूर्योदय पर खत्म होता है. ऐसे कई भक्त हैं जो सूर्यास्त से पहले 'सात्विक भोजन' का उपभोग कर दसवें दिन से उपवास की शुरुआत करते हैं. इस दिन अनाज, दालें और चावल का उपयोग निषिद्ध होता है.
2. भक्त सूर्योदय से पहले जागते हैं और स्नान के बाद ब्रह्मा मुहूर्त में कृष्ण की प्रार्थना और पूजा करते हैं. एक बार सुबह की रस्म के बाद, भक्त भगवान विष्णु और माता एकादशी की पूजा करते हैं.
3. देवताओं को प्रसन्न कर आशीर्वाद के लिए एक विशेष भोग बनता है. इस दिन भक्ति गीतों के साथ-साथ वैदिक मंत्रों को पढ़ना बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है. भक्तों को जरूरतमंदों की भी मदद करनी चाहिए, इस दिन किए गए किसी भी अच्छे कार्य को अत्यधिक फायदेमंद माना जाता है. भक्त क्षमता के अनुसार कपड़े, धन, भोजन आदि दान कर सकते हैं.
उत्पन्ना एकादशी का मुहूर्त
मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष एकादशी आरंभ- 30 नवंबर 2021 दिन मंगलवार सुबह 04:13 बजे से
मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष एकादशी समाप्त- 01 नवंबर 2021 दिन बुधवार रात 02:13 बजे
पारण तिथि के दिन हरि वासर खत्म होने का समय - सुबह 07:34 बजे
द्वादशी को व्रत पारण समय- 01 दिसंबर 2021 सुबह 07:34 बजे से सुबह 09:01 बजे तक
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