Vaikuntha Chaturdashi 2022 Puja: हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का विशेष महत्व है. इसे बैकुंठ चतुर्दशी कहा जाता है. यह दिन भगवान विष्णु और देवों के देव महादेव को समर्पित है. मान्यता है कि इस दिन श्रीहरि विष्णु की पूजा करने पर साधक को बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है. शिव की कृपा से समस्त पाप नष्ट हो व्यक्ति को मोक्ष मिलता है. आइए जानते हैं इस साल बैकुंठ चतुर्दशी कब है, जानें पूजा का मुहूर्त और क्या है इस दिन का महत्व.
बैकुंठ चतुर्दशी 2022 डेट (Vaikuntha Chaturdashi 2022 Date)
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की बैकुंठ चतुर्दशी तिथि 6 नवंबर 2022 को शाम 4 बजकर 28 मिनट से शुरू होगी. अगले दिन 7 नवंबर 2022 को शाम 4 बजकर 15 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का समापन होगा. शास्त्रों के अनुसार बैकुंठ चतुर्दशी पर विष्णु जी की पूजा निशिता काल में की जाती है, इसलिए यह पर्व 06 नवंबर 2022 को मनाया जाएगा.
बैकुंठ चतुर्दशी 2022 मुहूर्त (Vaikuntha Chaturdashi 2022 muhurat)
बैकुंठ चतुर्दशी हरि-हर (विष्णु-शिव) के मिलन का दिन होता है. इसमें कुछ लोग भोलेनाथ की सुबह में पूजा करते हैं. वहीं मध्यरात्रि में विष्णु की उपासना की जाती है.
- निशिताकाल पूजा मुहूर्त- रात 11:45 - प्रात: 12:37, 07 नवम्बर
- सुबह पूजा का मुहूर्त - सुबह 11.48 - दोपहर 12.32 (06 नवंबर 2022)
बैकुंठ चतुर्दशी महत्व (Vaikuntha Chaturdashi Importance)
शिव पुराण के अनुसार बैकुंठ चतुर्दशी के दिन ही भगवान शिव ने भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र दिया था. इस दिन शिव और विष्णु दोनों ही एकाएक रूप में रहते हैं. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की 1 हजार कमल के फूल से पूजा करने वाले व्यक्ति और उसके परिवार को बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त होता है. साथ ही इस दिन जिसका देहावसान होता है उसे सीधे स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है.
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