(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Vaikuntha Ekadashi 2020: जानें, कब है वैकुंठ एकादशी, इसको मनाने पीछे क्या है मान्यता
वैकुंठ एकादशी दिन भगवान विष्णु का व्रत किया जाता है.नियमपूर्वक व्रत करने वाले व्यक्ति का ही व्रत ही सफल होता है. इसको मनाने के पीछे मान्यता भी जुड़ी हुई है.
नई दिल्लीः मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी मोक्षदा एकादशी है. इस बार यह तिथि 25 दिसंबर दिन को पड़ रही है. मोक्षदा एकादशी को दक्षिण भारत में वैकुंठ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. वैकुंठ एकादशी दिन भगवान विष्णु का व्रत किया जाता है.
इसको मनाने के पीछ मान्यता है कि इस दिन कि इस दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु की अराधना करने से वैकुण्ठ धाम के द्वार अपने भक्तों के लिए खुल जाते हैं. इसके साथ ही इस दिन एकादशी का व्रत रखने से श्रद्धालुओं को स्वर्ग लोक प्राप्त होता है.
व्रत के नियम वैकुंठ एकादशी व्रत रखने वाले व्यक्ति को भोजन में लहसुन, प्याज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस दिन प्रातः स्नानादि से निवृत होकर श्री नारायण की भक्ति पूर्वक पूजा करनी चाहिए और दीपदान करना चाहिए. इसके साथ ही वैकुंठ एकादशी व्रत रखने वाले व्यक्ति को दशमी के दिन से ही मन और वचन से ब्रह्मचर्य का पालन भी करना चाहिए. एकादशी की रात भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करना चाहिए और अनजाने में हुई भूल या पाप के लिए क्षमा मांगनी चाहिए.
व्रत रखने वाले व्यक्ति को शाम को फलाहार कर सकते हैं. नियम है कि द्वादशी के दिन ब्राह्मण को भोजन करवाकर और आशीर्वाद लेने के बाद स्वयं को भोजन करना चाहिए. साथ ही यह भोजन सात्विक होना चाहिए. एकादशी का नियमपूर्वक व्रत करने वाले व्यक्ति का ही व्रत ही सफल होता है. गौरतलब है कि वैकुंठ एकादशी का दिन तिरुपति के तिरुमला वेन्कटेशवर मन्दिर और श्रीरंगम के श्री रंगनाथस्वामी मन्दिर में धूम धाम से मनाया जाता है.
यह भी पढ़ें-
Panchang: सोमवती अमावस्या कब है? खरमास किस दिन से आरंभ हो रहा है, जानें
उत्पन्ना एकादशी 2020: घर की कलह को नाश करता है उत्पन्ना एकादशी का व्रत, जानें पूजा विधि और समय