Pradosh Vrat 2022: शुक्र प्रदोष को घर में नहीं इस जगह रखें कपूर, बदल जाएगी जीवन की सारी कहानी
Shukra Pradosh Vrat 2022: वैशाख मास का अंतिम प्रदोष व्रत 13 मई दिन शुक्रवार को है. शुक्रवार के दिन प्रदोष व्रत होने से इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहते हैं.
Shukra Pradosh Vrat 2022 Remedies: प्रदोष व्रत एक माह में 2 बार आता है. माह का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में और दूसरा प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष में. दोनों प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. इस बार वैशाख माह का अंतिम व दूसरा प्रदोष व्रत 13 मई दिन शुक्रवार को है. हिंदू धर्म शास्त्र में शुक्रवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत कहते हैं. हिंदू धर्म में शुक्र प्रदोष व्रत का बहुत ही बड़ा महत्व है. मान्यता है कि शुक्र प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा करने पर सारी मनोकामना पूरी होती है.
शुक्र प्रदोष व्रत पर करें ये उपाय दूर होगा सारा दुख –दर्द
शुक्र प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा करके किया गया यह एक आसान सा उपाय जीवन के सारे दुख दूर कर देता है. घर परिवार में धन-धान्य की कमी नहीं रहती. चारों तरफ मान-सम्मान में वृद्धि होती है. कामकाज में आ रही रुकावटों को दूर करके तरक्की के सारे रास्ते भी खोल देता है. कह सकते हैं कि शुक्र प्रदोष व्रत जीवन की सारी कहानी ही बदल देता है. बस केवल व्रती को व्रत रखते हुए यह छोटा सा उपाय करना चाहिए.
शुक्र प्रदोष व्रत के दिन घर के डाईनिंग हॉल में या कहीं भी जहां वास्तुदोष है, वहां कपूर की 2 छोटी टिकिया रख दें. ध्यान रखें कि जब कपूर गल जाये तो उसी जगह पर दूसरी नई टिकिया रखें. इससे घर की नकारात्मकता दूर हो जायेगी और घर में खुशियां लहरायेगी
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