(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Vaishakh Purnima 2023: वैशाख पूर्णिमा पर भद्रा का साया, जानें स्नान-पूजा का समय और भद्र काल टाइम
Vaishakh Purnima 2023: वैशाख पूर्णिमा 5 मई 2023 को है. इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं. वैशाख पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. आइए जानते हैं वैशाख पूर्णिमा का मुहूर्त और महत्व.
Vaishakh Purnima 2023: वैशाख पूर्णिमा 5 मई 2023 को है. हिंदू धर्म में पूर्णिमा पर तीर्थ स्नान और दान का विशेष महत्व है. मान्यता है पूर्णिमा पर गंगा, नर्मदा, या कोई भी पवित्र नदी में डूबकी लगाने से साधक के कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं और अमृत की प्राप्ति होती है. पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्रदेव माने गए हैं. इस दिन घर में सत्यनारायण की कथा, रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने से धन-संपदा में वृद्धि होती है. मान्यता है कि वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था, इस लिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं. आइए जानते हैं वैशाख पूर्णिमा का मुहूर्त और महत्व.
वैशाख पूर्णिमा 2023 मुहूर्त (Vaishakh Purnima 2023 Muhurat)
पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा तिथि 04 मई 2023 को रात 11 बजकर 34 मिनट पर शुरू हो रही है और अगले दिन 05 मई 2023 को रात 11 बजकर 03 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी. वैशाख पूर्णिमा पर उदयातिथि और चंद्रमा की पूजा का मुहूर्त 5 मई को प्राप्त हो रहा है.
- स्नान मुहूर्त - सुबह 04.12 - सुबह 04.55
- सत्यनारायण पूजा मुहूर्त - सुबह 07:18 - सुबह 08:58
- चंद्रोदय को अर्घ्य देने का समय - शाम 06.45
- लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त - 05 मई 2023, रात 11:56 - 06 मई 2023, प्रात: 12:39
- कूर्म जयंती पूजा मुहूर्त - शाम 04.18 - शाम 0.59
वैशाख पूर्णिमा 2023 भद्रा का समय (Vaishakh Purnima 2023 Bhadra kaal Time)
वैशाख पूर्णिमा वाले दिन भद्रा का साया भी है. इस दिन शाम को 05 बजकर 01 मिनट से भद्रा लग रही है और यह रात 11 बजकर 27 मिनट तक है. हालांकि भद्रा का वास पाताल लोक में है. शास्त्रों के अनुसार जब भद्रा पाताल में विचरण करती है तो पृथ्वी पर इसके दुष्प्रभाव नहीं होते. ऐसे में पूर्णिमा पर भद्रा का असर मान्य नहीं होगा.
वैशाख पूर्णिमा है बहुत खास (Vaishakh Purnima 2023 Chandra Grahan)
वैशाख की पूर्णिमा पर बुद्ध जयंती भी मनाई जाती है और इस बार वैशाख पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लग रहा है जिससे इस दिन का महत्व और बढ़ गया है. ये उपछाया चंद्र ग्रहण रात 08 बजकर 45 मिनट से रात 01:00 बजे तक रहेगा, हालांकि भारत पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा इसलिए सूतक काल नहीं लगेगा. पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का विधान है ऐसे में ग्रहण से पहले चंद्रमा की पूजा करना उत्तम रहेगा. मान्यता है कि पूर्णिमा की मध्यरात्रि श्री सूक्त का पाठ करने से मां लक्ष्मी साधक पर मेहरबान होती हैं और घर-परिवार में बरकत बनी रहती है.
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