Vaishakh Purnima: वैशाख मास की पूर्णिमा का हिंदू और बौद्ध धर्म दोनों में विशेष महत्व है. वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का नेपाल के लुंबिनी नामक स्थान पर जन्म हुआ था. इन्हें सनातन धर्म के लोग भगवान विष्णु का नौवां अवतार मानते हैं. आज के दिन 16 मई को वैशाख पूर्णिमा का व्रत मनाया जाएगा. इस दिन जगह जगह भगवान बुद्ध के जन्मोत्सव में प्रकाश उत्सव भी मनाया जाएगा. आज के दिन सत्य विनायक व्रत करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान कृष्ण के परम मित्र विप्र सुदामा की गरीबी दूर करने के लिए भगवान ने स्वयं सुदामा को सत्य विनायक व्रत का महत्व बताया था.


सत्य विनायक व्रत की पूजा विधि


सत्य विनायक व्रत में धर्मराज की पूजा का प्रावधान है. धर्मराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है. धन, यश और सम्मान में वृद्धि होती है. इसी कारण प्रातः काल सुबह सुबह स्नान करके धर्मराज की पूजा करनी चाहिए. आरती करके यथासंभव दान करना चाहिए.


व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुबह-सुबह स्नान के पश्चात जल से भरा हुआ घड़ा, खड़ाऊ, छाता, ककड़ी, खीरा, चना आदि रखकर न्याय के देवता धर्मराज की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए और चढाए हुए सभी चीजों का किसी योग्य व्यक्ति को दान कर देना चाहिए. रात्रि के समय धूप, दीप, पुष्प, अन्न, गुड़ आदि लेकर चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.


सत्यविनायक व्रत का महत्व


सत्य विनायक का व्रत करने से गृह क्लेश नहीं रहता, घर में सुख शांति आती है और मां लक्ष्मी की कृपा से परिवार में धन संपदा में वृद्धि होती है. अकाल मृत्यु का भय मन से दूर हो जाता है. आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. धन, यश, कीर्ति बढ़ती है.



 


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