Vaishnav Tilak: गुरुवार के दिन जरूर लगाएं वैष्णव तिलक, इससे प्रसन्न होंगे भगवान विष्णु
Vaishnav Tilak: वैष्णव तिलक को बहुत ही शुभ माना गया है. भगवान विष्णु के अनुयायी या भक्त वैष्णव तिलक लगाते हैं. इससे भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
Lord Vishnu Vaishnav Tilak Importance: हिंदू संस्कृति में तिलक को बहुत ही शुभ माना गया है. बिना माथे पर तिलक लगाए किसी भी शुभ कार्य, पूजा-पाठ, अनुष्ठान या यज्ञ आदि करना अशुभ होता है. मान्यता है कि तिलक लगाने से मन एकाग्र होता है और इससे ध्यान लगाने में मदद होती है. साथ ही इससे चेतना और बुद्धि का भी विकास होता है.
तिलक के प्रकार और महत्व
धर्म ग्रंथों में तिलक और इसके महत्व का उल्लेख किया गया है. तिलक को हिंदू धर्म का आधार माना गया है, यह हिंदू संस्कृति की पहचान है. हिंदू धर्म में अलग-अलग संप्रदायों में कई तरह के तिलक लगाए जाते है. तिलक के 80 से भी अधिक प्रकार हैं. इनमें 64 तरह के तिलक वैष्णव साधुओं में लगाए जाते हैं. वहीं सनातन धर्म में शैव, शाक्त, वैष्णव, बह्मा और अन्य संप्रदायों में विभिन्न तरह के तिलक होते हैं. हिंदू धर्म में जितने संतों के मत, पंत और संप्रदाय हैं, उनके अपने-अपने तिलक होते हैं.
क्या है वैष्णव तिलक
वैष्णव तिलक की शुरुआत वैष्णव भक्तों से मानी जाती है. भगवान विष्णु के अनुयायी इस तिलक को लगाते हैं. इसके साथ ही विष्णु जी के अवतार भगवान कृष्ण, भगवान राम, भगवान नृहसिंह और वामन देव की पूजा करने वाले भक्त भी वैष्णव तिलक लगाते हैं. भगवान विष्णु का तिलक होने के कारण ही इसे ‘वैष्णव तिलक’ कहा जाता है. मान्यता है कि इस तिलक को लगाने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
कैसे लागएं वैष्णव तिलक
वैष्णव तिलक को माथे पर उल्टा त्रिकोण रूप में लगाया जाता है. आसान भाषा में कहे तो यह अंग्रेजी वर्णमाला के V आकार में लगाया जाता है. इसे नाक के मध्य से लेकर माथे तक लगाया जाता है. इस तिलक को गोपी चंदन से लगाने का महत्व है.
हिंदू धर्म में वैष्णव तिलक लगाने के लाभ
- वैष्णव तिलक लगाने वालों पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है और श्रीकृष्ण का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
- इस तिलक को लगाने से व्यक्ति में आध्यात्म का संचार होता है और नकारात्मकता दूर होती है.
- माना जाता है कि वैष्णव तिलक लगाने से बुद्धि तीव्र होती है.
- शास्त्रों में बताया गया है कि, वैष्णव तिलक लगाने पर हजार अश्वमेध और दस हजार राजसूय यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है.
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