Vaitarni River: हिंदू धर्म में नदियों को पूजनीय माना जाता है, इन्हें मां का दर्जा दिया गया है. मान्यता है कि पवित्र नदियों में स्नान से व्यक्ति को जन्म-जन्म के पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.


क्या आप एक ऐसी नदी के बारे में जानते हैं जो बहुत खतरनाक मानी जाती है. ये नदी पापियों को देखकर उबलने लगती है. इसका नाम है वैतरणी नदी. गुरुण पुराड़ में इस नदी के बारे में विस्तार से बताया गया है. आइए जानते हैं वैतरणी नदी का रहस्य.



वैतरणी नदी कहां बहती है (Vaitarni River Place)


गरूड़ पुराण के अनुसार वैतरणी नदी 86,000 योजन दूर यमलोक में बहती है. पृथ्वी पर मौजूद नदियों में जल होता है लेकिन वैतरणी नदी खून और मवाद से भरी है. मृत्यु के बाद जब जीवात्मा यमलोक की यात्रा तय करती है तो उसे वैतरणी नदी से होकर गुजरना पड़ता है. इस नदी में भयानक कृमि, मगरमच्छ और वज्र जैसी चोंचवाले गिद्ध रहते हैं.


इन लोगों को कष्ट देती है वैतरणी नदी (Vaitarni River Interesting facts)


मृत्यु के बाद जब यमदूत पापी जीवात्मा को लेकर वैतरणी नदी के पास से गुजरते हैं तो नदी का रक्त खौलने लगता है. कहते हैं जो जीवन में बुरे कर्म करता है, धर्म कर्म, दान-पुण्य के काम नहीं करता उस पापी आत्मा को वैतरणी नदी पार करने में बहुत कष्ट झेलना पड़ता है. पापी आत्मा को देख यह नदी उग्र हो जाती है. इसके बाद यमदूत नाक में कांटा फंसाकर जीवात्मा को खींचते हुए नदी के ऊपर से ले जाते हैं.


वैतरणी नदी की पीड़ा से बचने के लिए करें ये काम (Yamlok Vaitarni River)


गुरुड़ पुराण में बताया गया है वैतरणी नदी का स्वभाव हमेशा एक जैसा नहीं होता. जो लोग अपने जीवनकाल में ईश्वर की भक्ति, दान करते हैं उन्हें मृत्यु के बाद यमलोक की यात्रा के दौरान कोई पीड़ा नहीं सहनी पड़ती. शास्त्रों में गौ दान महादान माना गया है. दान करने वालों को यमदूत नौका पर बैठाकर वैतरणी नदी पार कराते हैं. इस दौरान वह शांत होती है.


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