Vakkri Guru 2021: हिंदू धर्म में धार्मिक कार्यों की दृष्टि से ज्येष्ठ का महीना बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है.  इसी ज्येष्ठ के महीने में गंगा दशहरा भी पड़ता है. सनातन धर्म में आस्था रखने वालों के बीच गंगा दशहरा विधिष्ट महत्व रखता है. पंचाग के मुताबिक़ यह गंगा दशहरा ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को होती है. इस दिन गंगा स्नान और दान का बहुत ही महत्त्व होता है. मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान के बाद दान देने से भक्त के सभी दुःख दूर होते हैं. घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती है.


ज्योतिष गणनाओं के मुताबिक़ , इस वर्ष इसी दिन यानी गंगा दशहरा अर्थात 20 जून को गुरु भी वक्री हो रहें हैं और 120 दिन बाद यानी 18 अक्टूबर 2021 को मार्गी होंगे. धन, विवाह, ज्ञान और सत्कर्म के कारक ग्रह देव गुरु बृहस्पति को सर्वाधिक शुभ एवं शीघ्र फलदाई ग्रह माना गया है. देव गुरु बृहस्पति, धनु व मीन राशि के स्वामी ग्रह है. इनके वक्री होने पर कर्क राशि और मकर राशि पर खास प्रभाव पड़ता है.



गुरु के वक्री होने से जहां कर्क राशि के जातकों को लाभ होगा वहीं मकर राशि के लोगों को कई प्रकार के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं. ऐसे में इस राशि के लोगों को खास ध्यान देने की आवश्यकता है. इन्हें अपने सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा.


चूंकि गुरु ग्रह कुंभ राशि में वक्री हो रहें हैं. ऐसे में कुंभ राशि के जातकों को अपने सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए. उन्हें इस दौरान किसी पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए.


गुरु ग्रह के कुंभ राशि में वक्री होने से मेष, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि के लोगों को विशेष लाभ होगा. धन के मामलों को छोड़कर कुछ चीजों में इन राशि के जातकों को भी परेशानी होगी.


कन्या राशि के लोगों को सेहत और वैवाहिक जीवन में कुछ विपरीत प्रभाव देखने को मिलेंगे.  तुला वालों को चाहिए कि वे बिना सोचे समझे कुछ भी न बोलें. बात बिगड़ सकती है.