Valmiki Jayanti 2021: आज है वाल्मीकि जयंती, जानें सही तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व
Valmiki Jayanti 2021 Importance: हर साल अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को संस्कृत के आदि कवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई जाती है. इस साल वाल्मीकि जयंती 20 अक्टूबर को है.
Valmiki Jayanti 2021 Importance: संस्कृत के आदि कवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती (Valmiki Jayanti) आज 20 अक्टूबर 2021 को मनाई जा रही है. हिंदी कैलेंडर के अनुसार आदि कवि वाल्मीकि का जन्म अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को हुआ था. इसलिए इसी उपलक्ष्य में हर साल पूर्णिमा तिथि को वाल्मीकि जयंती (Valmiki Jayanti) मनाई जाती है. अश्विन पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा भी कहते हैं.
लोग जगत कल्याण की कामना करते हुए इस दिन मंदिरों में महर्षि वाल्मीकि की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. महर्षि वाल्मीकि ने सबसे पहले संस्कृत के श्लोक की रचना की थी. उन्होंने ही संस्कृत के महाकाव्य रामायण की भी रचना की थी, इस वजह से उनको संस्कृत के आदिकवि की उपाधि प्राप्त है.
महर्षि वाल्मीकि जयंती 2021 तिथि (Valmiki Jayanti Shubh Tithi)
हिंदी पंचांग के अनुसार, अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 19 अक्टूबर 2021 दिन मंगलवार को शाम 07 बजकर 03 मिनट से हुआ. यह तिथि आज 20 अक्टूबर को रात 08 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार इस वर्ष वाल्मीकि जयंती आज 20 अक्टूबर को मनाई जा रही है.
वाल्मीकि जयंती 2021: पूजा मुहूर्त (Valmiki Jayanti Shubh Muhurt)
वाल्मीकि जयंती के दिन अर्थात 20 अक्टूबर को राहुकाल दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 31 मिनट तक है. राहुकाल में पूजा आदि जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दिन अमृत काल दिन में 11 बजकर 27 मिनट से दोपहर 01 बजकर 10 मिनट तक है एवं विजय मुहूर्त दोपहर बाद 01: 59 से 02:45 तक है.
महर्षि वाल्मीकि जयंती का महत्व
महर्षि वाल्मीकि संस्कृत के प्रथम कवि हैं. इन्हें संस्कृत का आदिकवि कहा जाता है. इन्होंने रामायण महाकाव्य की रचना संस्कृत में की. यह रामायण वाल्मीकि रामायण के नाम से प्रसिद्धि है. रामायण में कुल 24000 श्लोक हैं.
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