Varad Chaturthi 2022: हर माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी गणेश जी को समर्पित है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. वहीं, शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी के नाम से जानी जाती है. पौष माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वरद चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस बार वरद चतुर्थी 6 जनवरी के दिन मनाई जाएगी. इस दिन भगवान गणेश जी पूजा-अर्चना की जाती है. 


शास्त्रों में बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है. धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से भगवान गणेश की पूजा-उपासना करते हैं, उस व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथी ही, जीवन में व्याप्त दुख और क्लेश से छुटकारा मिलता है. 


बता दें कि इस बार वरद चतुर्थी पूजन का समय 6 जनवरी दिन में 11 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर में 12 बजकर 29 मिनट तक है. इस दौरान आप भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना कर सकते हैं. चौघड़िया मुहूर्त में भी साधक गणपति बप्पा की पूजा कर सकते हैं. घर में सुख- समृद्धि बनाए रखने के लिए वरद चतुर्थी के दिन करें गणपति के इन मंत्रों का जाप.


वरद चतुर्थी गणेश मंत्र जाप


1.  वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।


निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥


इसका अर्थ है- हे गणपति! आप विशालकाल शरीर और सहस्त्र सूर्य के समतुल्य महान है. मेरे सभी विघ्नों को दूर करें और सभी बिगड़े काम बना दें. अपनी कृपा मुझ पर हमेशा बनाएं रखें. कहते हैं कि इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के सभी काम बन जाते हैं.


2. गजाननं भूतगणाधिसेवितं,


कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम्।


उमासुतं शोकविनाशकारकम्न,


मामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥


3. कृपा करो गणनाथ


प्रभु-शुभता कर दें साथ।


रिद्धि-सिद्धि शुभ लाभ


प्रभु, सब हैं तेरे पास।।


4. 'ओम गं गणपतये नमः':


यह मंत्र भगवान गणेश जी के बीज मंत्र 'गं' से मिलकर बना है. इस मंत्र के जाप से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. 


 


ये भी पढ़ेंः Makar Sankranti 2022: 14 जनवरी मकर संक्रांति पर बन रहा है ये विशिष्ट संयोग, जानें इसका महत्व


 


5. ओम ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये


वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा:


इसे लक्ष्मी विनायक मंत्र के नाम से जाना जाता है. गणेश जी के इस जाप से नौकरी और रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और हर काम में तरक्की मिलती है.


6. ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते


वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।


इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस मंत्र का कम से कम 11 बार अवश्य जाप करें.


 


ये भी पढ़ेंः Numerology: इस तारीख को जन्मे लोगों के खुलने वाले हैं किस्मत के ताले, साल 2022 में बन रहे प्रबल योग


गणेश जी की आरती


जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।


माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।


एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,


माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।


पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,


लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।।


जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।


माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।


अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।


बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।।


सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।


जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।


माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।


दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।


कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।


जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।


माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।  



Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.