Varalakshmi Vrat 2024: वरलक्ष्मी व्रत क्यों किया जाता है, अगस्त में कब है ये, जानें डेट और महत्व
Varalakshmi Vrat 2024: वरलक्ष्मी व्रत धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करते हैं. ये व्रत सभी के लिए वरदान प्राप्त करने वाला माना गया है. जानें वरलक्ष्मी व्रत 2024 की डेट, पूजा मुहूर्त.
Varalakshmi Vrat 2024: सावन के आखिरी शुक्रवार को रखा जाने वाला वरलक्ष्मी व्रत बहुत महत्वपूर्म माना जाता है. वरलक्ष्मी अर्थात वर देने वाली लक्ष्मी. मान्यता है कि जो लोग वरलक्ष्मी व्रत रखकर धन की देवी (Laxmi ji) की पूजा करते हैं उन्हें सालभर धन की कमी नहीं होती.
ऐश्वर्य, सुख, समृद्धि प्राप्त होती है. ये व्रत महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में खासतौर से किया जाता है. आइए जानते हैं सावन में वरलक्ष्मी व्रत की डेट, पूजा मुहूर्त और महत्व.
वरलक्ष्मी व्रत 2024 डेट (Varalakshmi Vrat 2024 Date)
वरलक्ष्मी व्रत 16 अगस्त 2024 को सावन के आखिरी शुक्रवार (Sawan last Friday) के दिन रखा जाएगा. वलक्ष्मी व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन से दरिद्रता की छाया भी दूर हो जाती है और उसकी कई पीढ़ियां भी लंबे समय तक सुखी जीवन बिताती हैं.
वरलक्ष्मी व्रत 2024 मुहूर्त (Varalakshmi Vrat 2024 Muhurat)
- सिंह लग्न पूजा मुहूर्त (प्रातः) - सुबह 05:57 - सुबह 08:14 (अवधि - 02 घण्टे 17 मिनट्स)
- वृश्चिक लग्न पूजा मुहूर्त (अपराह्न) - दोपहर 12:50 - दोपहर 03:08 (अवधि - 02 घण्टे 19 मिनट्स)
- कुम्भ लग्न पूजा मुहूर्त (सन्ध्या) - शाम 06:55 - रात 08:22 (अवधि - 01 घण्टा 27 मिनट्स)
- वृषभ लग्न पूजा मुहूर्त (मध्यरात्रि) - रात 11:22 - प्रात: 01:18, अगस्त 17 (अवधि - 01 घण्टा 56 मिनट्स)
वरलक्ष्मी व्रत का महत्व (Varalakshmi Vrat Significance)
धन की चाहत हर व्यक्ति को होती है. कहा जाता है कि शुक्रवार मां लक्ष्मी को समर्पित है लेकिन सावन में आने वाला आखिरी शुक्रवार देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. इसके प्रभाव से घर में सुख समृद्धि बढ़ती है और परिवार के सदस्यों में एकता बढ़ती है.
इस दिन क्षीर सागर में कमल के फूल पर सफेद कपड़ों में हाथ में कमल का फूल धारण किए बैठी देवी वरलक्ष्मी के ऐसे रूप की पूजा करना चाहिए. ऐसा करने से स्थिर लक्ष्मी और अचल संपत्ति प्राप्त होती है.
वरलक्ष्मी व्रत का दान (Varalakshmi Vrat Daan)
देवी लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए सावन महीने के शुक्रवार को गुड़, तिल, चावल, खीर, केसर, हल्दी, नमक और जरुरतमंद लोगों को कपड़ों का दान करना चाहिए. गाय का पूजन करें, चारा खिलाएं.
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