Varuthini Ekadashi 2022: इस दिन व्रत, अन्न और जलदान से ही मिलता है कई यज्ञों के बराबर फल, बस करें यही काम
Varuthini Ekadashi 2022: वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. यह एकादशी कल यानी 26 अप्रैल को है.
Varuthini Ekadashi 2022 Vrat: वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) कहा जाता है. इस बार की वरुथिनी एकादशी कल यानी 26 अप्रैल के दिन पड़ रही है. मान्यता है कि सच्ची श्रद्धा के साथ वरुथिनी एकादशी व्रत करने से भक्तों के सभी कष्ट और दुख दूर होते हैं.
ग्रंथों के अनुसार वरुथिनी एकादशी व्रत के दिन तिल, अन्न और जल दान करने का सबसे ज्यादा महत्व है. ये दान सोना, चांदी, हाथी और घोड़ों के दान से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. अन्न और जल दान से कई यज्ञों के बराबर फल मिलते हैं.
वरुथिनी एकादशी व्रत में यह करें
माना जाता है कि वरुथिनी एकादशी व्रत में इन नियमों का पालन करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- वरुथिनी एकादशी व्रत में व्रती को तामसिक भोजन और बुरे विचारों से दूर रहना चाहिए.
- वरुथिनी एकादशी व्रत रखने वाले व्यक्ति को अपने मन, बचन और कर्म तीनों को शुद्ध रखना चाहिए.
- व्रती को पूरे दिन पीले रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए.
- भगवान विष्णु की पूजा में पंचामृत, तुलसी का पत्ता, पीले फूल, दीपक, चंदन, केसर, हल्दी, धूप, गंध, आदि का प्रयोग किया जाता है.
- वरुथिनी एकादशी के दिन व्रत कथा का श्रवण अवश्य करें.
- व्रत पूजा में भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप तुलसी की माला से अवश्य करें. ऐसा करने से मनोकामना की सिद्धि होती है.
- इस दिन व्रती और परिवार के अन्य सदस्य इस बात का ध्यान रखें कि वे बाल, नाखून, दाढ़ी न काटें. इस दिन स्नान के समय साबुन का इस्तेमाल न करें.
- वरुथिनी एकादशी के दिन 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें. राम, कृष्ण, नारायण आदि विष्णु के सहस्रनाम का जाप करते रहें.
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