Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी 4 मई यानी आज है. ये व्रत साधक को दस हजार साल तप करने के समान फल देता है. इसके प्रताप से व्यक्ति के जाने-अनजाने में किए पाप धुल जाते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है.
वरुथिनी एकादशी व्रत का फल तभी मिलता है जब व्रती द्वादशी तिथि (Dwadashi tithi) पर शुभ मुहूर्त में इसका पारण करें. वरुथिनी एकादशी पर व्रत का शुभ मुहूर्त, एकादशी व्रत कैसे खोलें, क्या खाएं, क्या नहीं सारी जानकारी यहां जानें.
एकादशी व्रत द्वादशी तिथि पर ही क्यों खोलते हैं ?
पुराणों में एकादशी व्रत में साधक को पूर्ण रात्रि जागकर पूजन करने का विधान बताया गया है. यही कारण है कि इस व्रत को द्वादशी तिथि पर ही खोलना चाहिए, तभी फल प्राप्त होता है.
वरुथिनी एकादशी व्रत पारण 2024 (Varuthini Ekadashi 2024 Vrat Parana Time)
वरुथिनी एकादशी का व्रत पारण 5 मई 2024 को सुबह 08 बजकर 37 मिनट से सुबह 08 बजकर 17 मिनट के बीच किया जाएगा. इस दिन पारण तिथि के दिन द्वादशी तिथि समाप्त होने का समय शाम 05.41
वरुथिनी एकादशी व्रत खोलते समय क्या खाएं (Varuthini Ekadashi Vrat parana me kya khayen)
वरुथिनी एकादशी का पारण करते समय सबसे पहले तुलसी दल मुंह में रखें. फिर पूजा में चढ़ाया प्रसाद ग्रहण करें. मान्यता है इससे विष्णु जी और माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है व्रत-पूजन पूरी तरह संपन्न होता है. इस दिन व्रत पारण के दौरान सात्विक भोजन घी से बने व्यंजन खाएं, मांसाहार का सेवन न करें, न ही मसूर दाल, बैंगन ग्रहण करें. इससे दोष लगता है. एकादशी व्रत पारण में चावल खाने की परंपरा है.
एकादशी व्रत महत्व
एकादशी सभी व्रतों में सर्वश्रेष्ठ है, क्योंकि इसके फल स्वरूप मोक्ष मिलता है, व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. पितर प्रसन्न रहते हैं. सांसारिक सुख मिलता है. एकादशी को लेकर ऐसी मान्यता भी है कि इस दिन देवतागण बी भगवान विष्णु के पास पहुंचकर उनके दर्शन का लाभ पाते हैं और व्रत-पूजन करते हैं.
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