Vasant Purnima: फाल्गुन महीने के आखिरी दिन करें श्रीकृष्ण की पूजा और व्रत, खत्म होंगे सारे पाप और बढ़ेगी उम्र
Vasant Purnima: श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है, ‘मैं ऋतुओं में वसंत हूं,’ विष्णुधर्मोत्तर पुराण के अनुसार वसंत पूर्णिमा पर व्रत करने से व्यक्ति के सारे पाप खत्म हो जाते हैं.
Vasant Purnima: आज फाल्गुन महीने की आखिरी पूर्णिमा है. इन पूर्णिमा को वसंत पूर्णिमा भी कहा जाता है. चूंकि श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है, ‘मैं ऋतुओं में वसंत हूं.’ इसलिए वसंत पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा अर्चना और व्रत किया जाता है. वहीँ विष्णुधर्मोत्तर पुराण के अनुसार वसंत पूर्णिमा पर व्रत करने से व्यक्ति के सारे पाप ख़त्म हो जाते हैं और व्यक्ति की उम्र भी बढ़ती है. आइए जानते हैं वसंत पूर्णिमा किए जाने वाले व्रत की पूजा-विधि और महत्व के बारे में-
पूजा-विधि: वसंत पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले उठना चाहिए. इसके बाद पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए. स्नान करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद मंदिर या फिर घर में ही भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति पर जल चढ़ाना चाहिए. जल चढ़ाने के बाद भगवान श्रीकृष्ण का ताजा दूध एवं पंचामृत से ‘क्लीं कृष्णाय नमः’ मंत्र का जप करते हुए अभिषेक करना चाहिए. अभिषेक के बाद भगवान श्रीकृष्ण को पीला वस्त्र पहनाकर उन्हें चंदन, अक्षत, मौली, अबीर, गुलाल, इत्र, तुलसी और जनेऊ चढ़ाना चाहिए. इसके बाद मिश्री मिले हुए मक्खन से भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाना चाहिए. इतना सब-कुछ करने के बाद भगवान की आरती करनी चाहिए और श्रद्धा अनुसार जरूरतमंद लोगों को दान देना चाहिए.
व्रत का महत्व
त्रिदोष से बचाव: ऋतुओं के बदलने पर हमारे शरीर में भी कुछ बदलाव होते हैं. इन बदलावों की वजह से हमारे शरीर में त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) बढ़ता है. त्रिदोष बढ़ने की वजह से हमारे शरीर में बिमारियों के होने की आशंका भी बढ़ जाती है. इसी त्रिदोष से बचने के लिए फाल्गुन महीने के आखिरी दिन यानी कि पूर्णिमा के दिन व्रत रखने की परंपरा बनाई गई.
सभी पापों से मुक्ति एवं मानसिक शांति के लिए: चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है और फाल्गुन महीने के आखिरी दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं के साथ आकाश में रहता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली चीजें जैसे कि पानी, दूध, पंचामृत और मक्खन पर चंद्रमा का खास असर रहता है. इसी वजह से इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और व्रत करने से मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति के सारे पाप भी ख़त्म हो जाते हैं.