Vastu Dosh: पंचतत्व का वास्तु दोष से है गहरा रिश्ता, जानें कैसे
Vastu Dosh: घर में अकसर वास्तु से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन क्या आपको पता है पंचतत्वों का वास्तु से गहरा रिश्ता है. जानते हैं कैसे.
Vastu Dosh: हम लोग जब अपना घर बनवाते हैं तो काफी कोशिशों के बाद भी कोई न कोई कमी रह जाती है और यही कमियां वास्तु दोष की वजह बनती हैं. इन कमियों की वजह से घर में सकारात्मक ऊर्जा के स्थान पर नकारात्मक ऊर्जा वास करने लगती है. अब चूंकि हम लोग घर को तोड़कर फिर से बनवा नहीं सकते हैं.
वास्तुशास्त्र में हमारे घर के निर्माण में होने वाली गड़बड़ियों को वास्तुदोष कहा जाता है. वास्तु दोष हमारे जीवन में का बहुत अधिक प्रभाव डालते हैं. घर में या घर के बाहर कई तरह के वास्तु दोष पाए जाते हैं. वास्तु दोष से कई तरह के रोग और शोक उत्पन्न होते हैं.
ऐसे में यदि आपका घर तीकोना है, कार्नर का है, या फिर चौराहे है इसके आलाव दक्षिण दिशा पर भी है. उन वास्तु दोषों को दूर करने के लिए घर के निर्माण में बड़े बदलाव करने पड़ते है.
पंचतत्वों का वास्तु से गहरा संबंध
घर की उत्तर-पूर्व (North East) कोने को ईशान कोण कहा जाता है जो कि जल (Water Element) तत्व को दर्शाती है. उत्तर-पश्चिम (North West) दिशा को वायव्य कोण कहा जाता है जो कि वायु (Air Element)तत्व को दर्शाती है. दक्षिण-पूर्व (South East) दिशा को आग्नेय कोण कहा जाता है जो कि अग्नि ( Fire Element) तत्व का प्रतिनिधित्व करती है. दक्षिण-पश्चिम (South West) दिशा को नैऋत्य कोण कहा जाता है जो कि पृथ्वी (Earth Element) तत्व को दर्शाती है.
घर के बीचोंबीच का जो स्थान होता है उसे ब्रह्म स्थान कहा जाता है जो कि आकाश तत्व माना जाता है. इस प्रकार से हमारा पूरा घर पंचतत्वों से मिलकर बना है और इन्हीं पंचतत्वों से मिलकर शरीर भी बना है. बेहतर और खुशहाल जीवन जीने के लिए इन सभी दिशाओं का दोष रहित होना सबसे जरूरी है. इन दिशाओं के दोष को दूर करने के लिए जानते हैं सरल से उपाय.
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