Health Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के मुताबिक, समस्त संसार और मानव शरीर का निर्माण पांच तत्वों -पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु तथा आकाश से हुआ है. यही नहीं वास्तु शास्त्र को इन पंच तत्वों के साथ-साथ आठ दिशाओं एवं ब्रह्म स्थान के संतुलन का विज्ञान माना गया है. जब तक इन पंच तत्वों में संतुलन बना रहता है, तब तक हमारा जीवन सफल, सुखमय, निरोगी और स्वस्थ बना रहता है. परन्तु जब इनमें असंतुलन हो जाता है. तब हमारे जीवन में अनेकों प्रकार के मानसिक और शारीरिक दोष उत्पन्न हो जाते हैं. इन दोषों को, हम अपने घर के वास्तु दोषों को खत्म करके दूर कर सकते हैं. घर में वास्तु दोष के चलते लोग कई तरह के रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं. इन्हें दूर करने के लिए आइये जानें ये आसान उपाय.


जोड़ों के दर्द और गठिया


जिन लोगों को जोड़ों में दर्द है या गठिया रोग से पीड़ित हैं, उनके कमरों की दीवारो पर दरारें नहीं होनी चाहिए. इन्हें दूर करने के लिए दीवार का प्लास्टर करवा देना चाहिए. दरारों पर झरने या पहाड़ी का पोस्टर चिपकाना अधिक लाभप्रद होता है. ऐसे रोगी सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें तो अधिक लाभ होगा.



ह्रदय रोग


हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति के कमरे की उत्तरी दीवाल पर क्रिस्टल बॉल टांग देनी चाहिए. क्रिस्टल बॉल के नीचे चारों दिशाओं में एक-एक क्रिस्टल पिरामिड रख दें. ऐसा करने से लाभ होगा. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में टूटी खिड़कियां शीशे /आइनें आदि ऐसी चीजें नहीं रखनी चाहिए. टूटी खिडकियों को अख़बार, कागज या कपड़े से नहीं ढकनी चाहिए. इसे वास्तु दोष माना गया है. जो कि अशुभदायी है.


दमा या टीबी


वास्तु शास्त्र के अनुसार, दमा या टीबी के रोगी के कमरे की पश्चिमी दीवाल पर पेंडुलम वाली सफेद या सुनहरी-पीले रंग की दीवाल घड़ी लगा देनी चाहिए. इन्हें तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. इससे शीघ्र लाभ होगा.