वास्तु शास्त्र में स्थान और दिशा का विशेष महत्व बताया गया है. हर दिशा की एक विशेषता होती है. किसी भी सामान को रखने के लिए एक निश्चित दिशा होती है. घर के हिस्सों में रखे जाने वाले सामानों का चुनाव भी सही तरीके से करना जरूरी होता है. गलत दिशा में रखा गया सामान व्यक्ति के जीवन में परेशानियां खड़ी कर सकता है. ऐसा करने से धन हानि हो सकती है. और दरिद्रता छा जाती है. वास्तु के अनुसार व्यक्ति के जीवन में दिशाओं का अहम रोल है. दिशा का ध्यान न रखने से व्यक्ति की तरक्की में बाधाएं आने लगती हैं. आइए जानते हैं घर की दक्षिण दिशा में किन चीजों का ख्याल रखना चाहिए.


दक्षिण दिशा में न रखें ये चीजें


वास्तु में दक्षिण दिशा को पितरों का स्थान बताया गया है. इस दिशा में गलत सामान रखने से पितृदोष लगता है. पितरों की नाराजगी घर की सुख-समृद्धि, आर्थिक स्थिति, सम्मान, तरक्की को रोक देती है. और जीवन में कई तरह की समस्याएं खड़ी हो जाती हैं. 


- वास्तु जानकारों का मानना है कि दक्षिण दिशा में किचन बनाने से परहेज करें. साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखें कि इस दिशा में स्टोर रूम भी न बना हो. 


- वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में मंदिर बनाने की मनाही होती है. इससे देवी-देवता नाराज हो सकते है. और जीवन में कई परेशानियां खड़ी हो सकती हैं. वहीं,दक्षिण दिशा में बने मंदिर में पूजा-पाठ करने से कोई फल नहीं मिलता है. और न ही कोई मनोकामना पूर्ण होती है. 


- दक्षिण दिशा में जूते-चप्पल रखने से परहेज करना चाहिए. इससे पितृ नाराज हो जाते हैं. 
- इस दिशा में मशीनें रखने से बचें. इससे घर की सकारात्मकता विकास होता है. और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. 


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