वास्तु शास्त्र में घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास और नकारात्मक ऊर्जा को बाहर करने के कई तरीके बताए हैं. वास्तु जानकारों के अनुसार किसी भी चीज का लाभ व्यक्ति को तभी होता है, जब उसे सही जगह और सही दिशा में रखा जाता है. वास्तु शास्त्र में हर कमरा, हर सजावटी सामान को लेकर कुछ नियम व कायदे बताए गए हैं. इन नियमों का पालन करके ही घर में सकारात्मकता बनाए रखी जा सकती है. साथ ही, घर-परिवार के सदस्यों की तरक्की के नए रास्ते खुलते हैं.
इन सब के अलावा, वास्तु में कुछ सामान के बारे में भी बताया गया है. इन्हीं में से एक है बांसुरी. बांसुरी भगवान कृष्ण को बेहद प्रिय है. और अक्सर लोगों के मंदिर में कृष्ण जी के पास इसे रखा देख सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं वास्तु शास्त्र में भी वास्तु का विशेष रोल है. वास्तु के अनुसार इसे सही दिशा में रखने से वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है. आइए जानें.
बांसुरी का यूं करें चुनाव-
भगवान श्री कृष्ण को प्रिय बांसुरी को वे हमेशा अपने पास ही रखते थे. राधा जी भगवान श्री कृष्ण की बांसुरी बजाने पर कहीं खो जाती हैं. कृष्ण जी के साथ राधा रानी को भी ये बांसुरी बहुत प्रिय थी. राधा कृष्ण के प्रेम का प्रतीक बांसुरी घर का वास्तु दोष दूर करने में भी सहायक है. घर की किसी दीवार या मंदिर के बाहर बांसुरी का जोड़ा लटकाने से घर में पैसों की वृद्धि होती है. धन के नए रास्ते खुलते हैं.
अगर घर का कोई सदस्य कोई नया काम शुरू करता है और काम शुरू करते ही बिगड़ जाता है, तो इसके लिए मोरपंख लगी बांसुरी दीवार पर लगा दें. सारे काम बनने लगेंगे.
वास्तु अनुसार अगर आप बच्चों के कमरे में बांसुरी लगा रहे हैं, तो सफेद रंग की बांसुरी का चुनाव करें.
वहीं, पति-पत्नी के बीच रिश्तों को मधूर बनाने के लिए उनके कमरे में हरे रंग की बांसुरी का चुनाव करें. इस बांसुरी को कहीं छुपा कर रखें. ऐसा करने से पति पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है. और एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना प्रबल होती है.
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