इस दिशा में मुख करके भोजन करने से घट जाती है उम्र, वास्तु से संबंधित जान लें ये जरूरी नियम
वास्तु शास्त्र में व्यक्ति के दैनिक जीवन से जुड़े कई सुझावों के बारे में जानकारी दी गई है. इन नियमों का पालन कर के जीवन को संतुलित और सफल बनाया जा सकता है. वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व है.
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) व्यक्ति के दैनिक जीवन से जुड़े कई सुझावों के बारे में जानकारी दी गई है. इन नियमों का पालन कर के जीवन को संतुलित और सफल बनाया जा सकता है. वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व है. हर चीज को रखने की सही दिशा, हर कार्य को करने के लिए सही दिशा का होना बेहद जरूरी है. वास्तु में बताई गई इन दिशाओं का संबंध देवताओं और ऊर्जा से होता है.
घर में हम खाता खाते समय अकसर किसी दिशा आदि का ध्यान नहीं करते. बस जहां बैठे होते हैं, वहीं आराम देखते हुए खाना खा लेते हैं. लेकिन वास्तु के अनुसार खाने के समय व्यक्ति का मुख किस दिशा में होना चाहिए इस बात की जानतारी भी बहुत जरूरी है. वास्तु अनुसार बताई दिशा में भोजन करना उत्तम माना गया है. आइए जानें.
भोजन करने की सही दिशा
1. दक्षिण दिशा की ओर भोजन करना वास्तु के अनुसार ठीक नहीं है. अगर आप भी दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करते हैं तो उसे तुंरत बदल लें. मान्यता है कि दक्षिण दिशा यमराज की दिशा होती है. और यमराज मृत्यु के देवता हैं. वास्तु जानकारों का मानना है कि दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से आयु घटती है. साथ ही व्यक्ति को कई समस्याएं घेर लेती हैं.
2. वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा में मुख करके भोजन करना उत्तम माना गया है. अगर आप इस दिशा में मुख करके भोजन करते हैं तो भोजन की पूरी एनर्जी व्यक्ति को मिलती है. वहीं, व्यक्ति की आयु में वृद्धि होती है. पाचन शक्ति अच्छी होती है, जिससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
3. उत्तर दिशा में मुख करके भोजन करना छात्र और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले लोगों के लिए अच्छा माना गया है. करियर के प्रारंभिक अवस्था के लोगों को इस दिशा में भोजन करना चाहिए.
4. बिजनेस और नौकरी संबंधी लोगों को पश्चिम दिशा में मुख करके भोजन करना चाहिए. कहते हैं कि ये दिशा लाभ की दिशा होती है. मस्तिष्क संबंधी कार्यों जैसे लेखन, शिक्षा, शोध आदि से जुड़े लोगों के भी इस दिशा में बैठकर भोजन करना चाहिए.
अगर खाना सही दिशा में मुख करके बना और सही दिशा में बैठकर ही खाया जाए, तो उसेस सही पोषण मिलता है और स्वास्थय भी उत्तम रहता है. गलत दिशा में भोजन बनाने से खाने में निगेटिव एनर्जी उत्पन्न होती है. जिसका असर सेहत पर दिखता है. इसी कारण वास्तु शास्त्र में किचन और डाइनिंग हॉल के लिए भी दिशा बताई गई है. घर के पश्चिम में डाइनिंग हाल होना अच्छा होता है. इसके अलावा उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा में भी इसे स्थान दे सकते हैं.
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