Vasudev Dwadashi 2022: हिंदू पंचाग के अनुसार आषाढ़ आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी को वासुदेव द्वादशी कहते हैं. वासुदेव द्वादशी भगवान कृष्ण को समर्पित है. धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है. 11 जुलाई 2022 को वासुदेव द्वादशी के साथ वामन द्वादशी भी मनाई जाएगी. वामन द्वादशी पर भगवान विष्णु के पांचवे अवतार भगवान वामन की पूजा की जाती है.


वासुदेव द्वादशी (Vaman Dwadashi 2022) पर जो व्यक्ति भक्ति पूर्वक श्रीकृष्ण की पूजा और व्रत करता है उसे मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं. भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए इस दिन द्वादशाक्षर मंत्र का जाप करें. आइए जानते हैं इस मंत्र के लाभ


वासुदेव द्वादशी पर करें द्वादशाक्षर मंत्र का जाप


मंत्र - ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः


ओम – यह ब्रंह्माडीय और लौकीक ध्वनि है.


नमो – नमस्कार और अभिनंदन.


भगवते – शक्तिशाली, दयालु व जो दिव्य है.


वासुदेवयः – वासु का अर्थ हैः सभी प्राणियों में जीवन और देवयः का अर्थ हैः ईश्वर. इसका मतलब है कि भगवान जो सभी प्राणियों का जीवन है.


द्वादशाक्षर मंत्र के लाभ



  • वासुदेव द्वादशी के दिन द्वादशाक्षर मंत्र का जाप करना उत्तम माना गया है. वैसे इसे किसी भी दिन कर सकते हैं. इस मंत्र के जाप से मानसिक और शारीरिक ऊर्जा में बढ़ोत्तरी होती है. मन शांत होता है और विपरित परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति मिलती हैं. कम से कम 101 बार इस मंत्र का जाप करें

  • वासुदेव द्वादशी के दिन 21 बार इस मंत्र का जाप करने से कार्य में आ रही बाधाएं दूर होती है. रोजाना अगर इसे मंत्र को करेंगे तो इससे अटके हुए काम पूर्ण हो जाएंगे.

  • यह मंत्र प्राय:सभी ग्रहों की शांति के लिए भी उपयोग किया जाता है. नवग्रहों की शांति हेतु इस दिन विधि पूर्वक 1008 बार द्वादशाक्षर मंत्र का जाप करना शुभ होता है.


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