Vat Savitri Vrat 2022 End: सनातन धर्म में आज की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन सुहागिन महिलाओं को अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान प्राप्त होता है. प्रातः काल स्नान करके सच्चे मन से बरगद के पेड़ पर कच्चा सूत लपेटकर सात बार परिक्रमा करके अपने घर की सुख-समृद्धि और शांति के लिए भगवान से प्रार्थना करें. पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से किए जाने वाले व्रत से उनको मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. वट सावित्री का व्रत रखने वाली सभी सुहागिन महिलाओं का संकल्प और मनोकामना भगवान की कृपा से पूरा होगा.
वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2022) के बाद जरूर करें यह काम
पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ व्रत का पालन करने के पश्चात कुछ विशेष कार्य अनिवार्य रूप से करनी चाहिए.
- एक बांस की टोकरी में सुहाग का सारा सामान रखकर, मिठाई, फल, मेवा, आदि रखकर अपनी सास को बायना दें. इससे सदा सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है. और आपसी संबंधों में मधुरता आती है.
- वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ मास में रखा जाता है. इस समय भीषण गर्मी का प्रकोप होता है. इसलिए व्रत करने के पश्चात किसी जरूरतमंद को गर्मी में काम आने वाली चीजों का दान करने से भी घर में सुख समृद्धि और संपन्नता बढ़ती है.
- व्रत करने के पश्चात महिलाओं को प्रसाद का वितरण करना चाहिए. लोगों को खीरा, ककड़ी, खरबूजा, भीगे चने आदि का प्रसाद देना चाहिए. इससे मन को शांति प्राप्त होती है, और घर में लक्ष्मी का वास होता है.
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