Ved Vaani, Vedas Importance and Meaning: वेद-पुराण हिंदू धर्म के ऐसे ग्रंथ हैं, जिसके ज्ञान से व्यक्ति को जीवन जीने के लिए उचित मार्गदर्शन प्राप्त होता है. वेद को हिंदू धर्म का सबसे प्राचीन और पवित्र ग्रंथ माना जाता है. लेकिन वेदों को समझना आसान नहीं है. इसलिए इसे चार भागों में विभाजित कर मानव जाति के समझने योग्य लिखित किया गया है.


जिसे ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद कहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वेद का अर्थ क्या है और इसकी उत्पत्ति कैसे हुई है. ऐसे कई सवाल आपने मन में होंगे, जिसके जवाब पाने के बाद ही आप वेद को पूर्णत: समझ पाएंगे. 


कैसे हुई वेदों की उत्पत्ति


वेद हिंदू धर्म का ऐसा ग्रंथ है, जिसमें ज्ञान का असीमित भंडार है. इसलिए कहा जाता है कि वेदों के ज्ञान का ना आदि है और ना अंत. वेद इसलिए भी अतुल्य और महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे किसी साधारण मनुष्य द्वारा नहीं लिखा गया. बल्कि ऋषियों ने अपनी गहरी तपस्या से ईश्वर की आवाज सुनी, इसे ही वेद कहा जाता है.


वेदों में ऋषियों की तपस्या और ज्ञान है, जिसे उन्होंने अपने शिष्यों को दिया है. इसी तरह पीढ़ी दर पीढ़ी वेदों का ज्ञान आज भी मनुष्यों को प्राप्त होता है और इससे उनका मार्गदर्शन होता है. वेद हमें आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए भी प्रेरित करते हैं.


क्या है वेद का अर्थ


वेद का अर्थ है ‘ज्ञान’. मनुष्य को विशेष रूप से दो बातों ‘इहम’ और  ‘परम’ को जानने की जरूरत होती है, जिसका ज्ञान वेदों में निहित है.


इहम: जब हम भौतिक शरीर में होते हैं तो कैसे रहें. यह हमारे शरीर और मस्तिष्क को मजबूत रखने, शांति और प्रेम के लिए,  शिशुओं के जन्म के बाद उन्हें गुणी बनाकर समाज का कल्याण करने व दूसरों का कल्याण करने आदि से संबंधित है.


परम: भौतिक शरीर को छोड़कर हमें कैसे जीना चाहिए यह आध्यात्मिक विकास के कार्य से संबंधित होता है, जिससे आत्मा को उच्च लोकों तक पहुंचने, देवताओं से सहायता प्राप्त करने और अन्य आत्माओं का भला करने आदि की शक्ति प्राप्त होती है.


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