नई दिल्ली: विदुर के नाम से तो सभी परचित हैं. विदुर का जिक्र महाभारत में मिलता है. विदुर दासी पुत्र होने के कारण उन्हें राजा बनने का अधिकार नहीं था लेकिन वे अपने गुणों और प्रतिभा से हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री बने. हिस्तनापुर के राजा पांडु ने यह पद प्रदान किया था. विदुर सत्य का साथ देते थे.


किसी का बुरा न करें


जो व्यक्ति दूसरों का अहित करता है उसे जीवन में एक न एक दिन संकटों से गुजरना पड़ता है. जो बुरा होता है उसे स्वयं ही बुरे फल भोगने पड़ते हैं लेकिन इस बात को व्यक्ति ध्यान नहीं रखता है और ईष्र्या और लालच के चलते वह दूसरों को नुकसान पहुंचाने लगता है. दूसरों को नुकसान पहुंचाने के चलते वह स्वयं की नजरों में कितना गिर जाता है इसका उसे अंदाजा ही नहीं होता है. लेकिन उसके व्यक्तित्व में ये बुराईयां झलकने लगती हैं और इसी से दूसरे लोग उससे किनारा करने लगते हैं. क्योंकि समाज में ऐसे व्यक्ति की विश्वसनीयता समाप्त हो जाती है. जब तक उसे इस बात का अहसास होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. इसलिए न बुरा करें और न बुराई सुनें.


दूसरों पर नहीं हंसना चाहिए

विदुर नीति के अुनसार जो व्यक्ति दूसरों का मजाक उड़ाता है एक दिन उसे भी मजाक का पात्र बनना पड़ता है. जो व्यक्ति दूसरों का मजाक उड़ाने में अपनी शान समझते हैं ऐसे लोग समाज में सम्मान नहीं पाते हैं. किसी की हंसी उड़ाना और मजबूरी के चलते किसी व्यक्ति का परिहास करना ये मानव गुणों के खिलाफ है. ये आदत व्यक्ति को पतन की तरफ ले जाती है. ऐसे लोगों के कई शुत्र होते हैं जो समय आने पर नुकसान पहुंचाते हैं.