विदुर नीति का अनुसरण कर व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है. यही वजह है कि विदुर नीति आज भी प्रासंगिक है. आज भी करोड़ों लोग विदुर नीति की शिक्षाओं पर अमल करते हैं. जीवन के हर मोड़ पर विदुर की शिक्षाएं काम आती  हैं. विदुर महाभारत के सबसे लोकप्रिय पात्रों में से एक थे. उन्हें धर्मराज का अवतार माना जाता है. वे सत्य बोलते थे. सच का साथ देते थे. आइए जानते हैं कि आज की विदुर नीति क्या कहती है-


निर्बल को नहीं सताना चाहिए


विदुर नीति कहती है कि कभी भी निर्बल यानि कमजोर को नहीं सताना चाहिए. जो निर्बल को परेशान करते हैं उनका शोषण करते हैं. ऐसे लोग नरक जाते हैं. क्योंकि पद और धन के अंहकार में व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्यों से विमुख हो जाता है. जो कमजोर होता है उसका ईश्वर होता है इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए. जो अंहकार में चूर होकर कमजोरों को प्रताड़ित करता है ऐसे व्यक्ति को ईश्वर कठोर से कठोर से सजा देता है. ईश्वर के न्याय से कोई नहीं बच सकता है.


कमजोर, निर्बल को कभी नहीं सताना चाहिए. न ही इनका मजाक उड़ाना चाहिए क्योंकि समय बहुत बलवान होता है. समय किसी का भी बदल सकता है. जो आज है, वो कल नहीं होगा. इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए. जो गरीब और दरिद्र की सेवा करता है नारायण उससे प्रसन्न होते हैं. इनकी सेवा करने से पुण्य मिलता है. समाज में ऐसे लोग प्रशंसा पाते हैं. उनकी जय जयकार होती है.


नारी का सम्मान करना चाहिए


विदुर नीति के अनुसार नारी का सदैव ही सम्मान करना चाहिए. जिस घर में नारी का सम्मान नहीं होता है वह घर कभी पूर्ण नहीं होता है. ऐसे घर से लक्ष्मी रूठ जाती हैं. सुख शांति नष्ट हो जाती है. वहीं जहां नारी का सम्मान होता है उस घर में सुख,समृद्धि का वास होता है. नारियां देवी का स्वरूप होती हैं. जो लोग नारी के साथ हिंसा करते हैं. वे किसी भी सूरत में पुरूष कहलाने के हकदार नहीं होते हैं. जहां नारी को देवी की तरह पूजा जाता है वहां देवताओं को भी वास होता है. ऐसे घर पर प्रभु का आर्शीवाद होता है.


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