Vidur Niti: विदुर को धर्मराज का अवतार कहा जाता है. विदुर महाभारत के सबसे लोकप्रिय पात्रों में से एक हैं. जिनकी शिक्षाएं विदुर नीति में मिलती है. विदुर सदा सत्य बोला करते थे और सत्य के मार्ग पर ही चलते थे. अपनी सत्यानिष्ठा के कारण वे अमर हो गए. आज भी विदुर की नीतियों पर करोड़ों लोग अमल करते हैं और उनकी शिक्षाओं के मुताबिक अपने जीवन को ढ़ालने की कोशिश करते हैं. आइए जानते हैं आज की विदुर नीति-


संतोषी बनें, कभी नहीं आएगी समस्या


विदुर नीति के मुताबिक जिस व्यक्ति में संतोष के भाव नहीं होते हैं. वह व्यक्ति हमेशा व्याकुल रहता है और उसका चित्त अशांत रहता है. उसके कार्य में एक तरह की अकुलाहट होती है. ऐसे लोग हमेशा बेचैन रहते हैं. ऐसे लोगों का दिमाग भी हमेशा चलायमान रहता है. ऐसे व्यक्ति कभी खुश नहीं रहते हैं. हमेशा किसी न किसी चीज को लेकर रोते रहते हैं या फिर शिकायत करते रहते हैं. क्योंकि इनमें संतोष नहीं होता है.


जबकि संतोषी व्यक्ति अच्छे बुरे दोनों समय में एक सा ही व्यवहार करता है. उसको कभी किसी चीज से कोई शिकायत नहीं होती है. वह प्रभु की शरण में रहता है. उसका जीवन संयम से गुजरता है. संतोषी व्यक्ति को जीवन में कभी कष्ट नहीं होता है.


सत्य से धर्म की रक्षा होती है


विदुर नीति के अनुसार धर्म की रक्षा सत्य से होती है. धर्म व्यक्ति को जीवन को कैसे जिया जाए इसके बारे में बताता है. जीवन सत्य के जितना नजदीक होता, जीवन का आनंद उतना ही अधिक आएगा. सत्य बोलने वाले और धर्म के मार्ग पर चलने वालों को प्रभु का आर्शीवाद मिलता है. ऐसे लोग प्रभु के भी प्रिय होते हैं. सत्य बोलने वाले ही समाज को दिशा देते हैं, ऐसे लोग वंदनीय होते हैं. सृष्टि को सुंदर बनाने में सत्य बोलने वाले व्यक्ति का बहुत बड़ा योगदान होता है.