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Vidur Niti: इन पांच गुणों से पूर्ण व्यक्ति ही बुद्धिमान कहलाता है
विदुर पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने महाभारत के युद्ध को विनाशकारी बताया था. उनकी शिक्षाएं ही विदुर नीति कहलाईं जो आज भी लोकप्रिय और प्रासंगिक हैं. आइए जानते हैं कि आज की विदुर नीति-
Vidur Niti: विदुर महाभारत के ऐसे पात्र हैं जो अपने आचरण और सत्यनिष्ठा के कारण आज भी लोकप्रिय हैं. वे राजा धृतराष्ट्र के सलाहकार थे. धृतराष्ट्र हर कार्य करने से पहले विदुर की सलाह जरूर लिया करते थे. विदुर हमेशा सत्य बोलते थे और सत्य के ही मार्ग पर चलते थे, इसलिए उनकी सलाह राजा के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी.
एक बार राजा धृतराष्ट्र ने विदुर से प्रश्न किया कि विदुर बताएं कि बुद्धिमान कौन है. उसके क्या गुण होते हैं. इस पर विदुर ने बड़ी ही सहजता से कहा कि महाराज मूर्ख बनना जितना आसान है बुद्धिमान बनना उतना ही कठिन है. जिस प्रकार एक साधु अपनी साधना से सिद्धियां प्राप्त करता है उसी प्रकार बुद्धिमान को भी साधना करनी पड़ती है. विदुन राजा से कहा कि अगर व्यक्ति में ये पांच गुण हैं तो वो बुद्धिमान कहलाता है.
बुद्धिमान व्यक्ति के पांच गुण
- जो व्यक्ति अपने वास्तविक स्वरूप का ज्ञान रखता है.हानि होने पर दुख सहन करने की शक्ति रखता है. शक्ति और धर्म के विषयों पर जो स्थिर रहता है वहीं बुद्धिमान कहलाता है.
- अच्छे कर्मों को अपनाना और बुरे कर्मों से दूर रहना और ईश्वर पर विश्वास रखने वाला व्यक्ति बुद्धिमान होता है.
- जिस व्यक्ति के कर्तव्य, सलाह और पहले से लिए गए निर्णय को केवल काम संपन्न होने पर ही दुसरे लोग जान पाते हैं, वही बुद्धिमान कहलाता है.
- जिस व्यक्ति के कर्मों में न ही सर्दी और न ही गर्मी, न ही भय और न ही अनुराग, न ही संपत्ति और न ही दरिद्रता कोई बाधा खड़ी कर सके, वो बुद्धिमान कहलाता है.
- जिस व्यक्ति का निर्णय और बुद्धि धर्म का अनुशरण करती है और जो भोग विलास को त्याग कर पुरुषार्थ को चुनता है वो बुद्धिमान कहलाता है.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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