Vidur Niti : विदुर नीति व्यक्ति को सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है. विदुर को धर्मराज का अवतार कहा गया है. वे हमेशा सच बोलते थे जिस कारण शत्रु भी उनकी प्रशंसा करते थे. विदुर महाभारत के सबसे योग्य पात्रों में से एक थे. महाभारत के परिणामों को लेकर जब चर्चा हुई थी तो विदुर ही पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने राजा धृतराष्ट्र से कहा था कि यह युद्ध महाविनाश लेकर आएगा. विदुर की शिक्षाएं ही विदुर नीति कहलाती है. आइए जानते हैं आज की विदुर नीति-


व्यक्ति को हमेशा अपना व्यवहार अच्छा रखना चाहिए

व्यक्ति का स्वभाव बहुत ही विनम्र और मधुर होना चाहिए. जिस व्यक्ति के व्यवहार में विनम्रता और मधुरता होती है वह सभी को अपना बना लेता है. ऐसे व्यक्ति के साथ संकट के समय अनगिनत लोग खड़े होते हैं. व्यक्ति की पहचान उसके स्वभाव से ही होती है. वे व्यक्ति कभी समाज में प्रिय नहीं होते हैं जो क्रोध करते हैं और कटु बोलते हैं. ऐसे लोगों की कभी सराहना नहीं होती है. संकट आने पर ऐसे लोगों की कोई मदद भी नहीं करता है. स्वभाव में कोमलता तभी आती है जब व्यक्ति ज्ञानी होने के साथ साथ संस्कारी भी हो. संस्कार शिक्षा की सुदंरता को निखारते हैं.

ज्ञान का दिखावा नहीं करना चाहिए

जो लोग ज्ञान का दिखावा करते हैं वे कभी सफल नहीं होते हैं. ज्ञान दिखावे की वस्तु नहीं है, जो व्यक्ति ज्ञान से परिपूर्ण होता है उसे दिखावे की जरूरत ही नहीं पड़ती है. जिन लोगों का ज्ञान आधा अधूरा होता है वे सदैव ज्ञानी होने का दंभ भरते हैं. किसी दूसरे को नीचा दिखाकर स्वयं को योग्य साबित करने वाले भी सम्मान के हकदार नहीं होते हैं. ज्ञानी व्यक्ति कभी अपने ज्ञान पर घमंड नहीं करता है. वह तो ज्ञान के जरिये सभी को जागरूक करने का काम करता है. ज्ञान का लक्ष्य अंधेरे को हटाकर प्रकाश उत्पन्न करना है. जो दिखावा करते हैं वे स्वयं को बड़ा दिखाने का प्रयास करते हैं.

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