Vidur Niti : विदुर महाभारत के सबसे लोकप्रिय पात्रों में से एक हैं. महाभारत के दो आधार स्तंभ माने जाते हैं प्रथम श्रीमद्भागवत गीता और विदुर नीति. विदुर को धर्मराज का अवतार माना जाता है. विदुर पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने महाभारत के युद्ध को सबसे विनाशकारी बताया था. विदुर हमेशा सत्य बोलते थे. विदुर सदैव इस युद्ध को टालने के लिए राजा धृतराष्ट्र को प्रेरित करते रहे. राजा धृतराष्ट्र के सलाहकार विदुर थे. विदुर महाभारत के युद्ध को टालने में भलेही असफल रहे लेकिन उनकी नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं. व्यक्ति को संकटों से उभारने में मदद करती हैं और अच्छे कर्म के लिए प्रेरित करती हैं. आइए जानते हैं आज की विदुर नीति-


राजा धृतराष्ट्र ने पूछा ज्ञानी कौन है तो विदुर ने दिया ये जवाब


एक बार राजा धृतराष्ट्र ने विदुर से प्रश्न किया कि विदुर ये बताइए कि आपकी नजर में ज्ञानी कौन है. इस पर विदुर ने कहा कि महाराज, जो व्यक्ति दुर्लभ वस्तु को पाने की इच्छा न रखते. नाशवान वस्तु के विषय में शोक नहीं करते और मुसीबत आने पर घबराते नहीं हैं. बल्कि उसका डटकर सामना करते हैं ऐसे व्यक्ति ज्ञान कहलाते हैं.


विदुर ने पुन: कहा कि जो व्यक्ति अपने कार्य को पूरे उत्साह से आरंभ करता है और बिना रूके उसे परिणाम तक पहुंचाता है और मन को नियंत्रित करके रखता है ऐसा व्यक्ति भी ज्ञानी होता है. इन उत्तरों से राजा धृतराष्ट्र की उत्सकुता बढ़ गई. उन्होंने कहा कि विदुर थोड़ा और विस्तार से बताएं तब विदुर ने कहा कि महाराज जो सम्मान पाकर भी जिसे अहंकर न हो और अपमान होने पर पीड़ित न हो तथा समुद्र की गहराई की तरह उसमें गंभीरता हो ऐसे व्यक्ति भी ज्ञान होते हैं.


स्वार्थी व्यक्ति इन चीजों को नहीं बांटता है.

जो व्यक्ति स्वार्थी है. कीमती वस्त्र, स्वादिष्ट व्यंजन, सुख एश्वर्य की वस्तुओं को उपभोग स्वयं करता है. उन्हें जरूरतमंदों में नहीं बांटता है. ऐसे व्यक्ति क्रूर होते हैं. ऐसे व्यक्तिओं से सदा ही सावधान रहना चाहिए. श्रेष्ठ व्यक्ति वही है जो वस्त्र, भोजन व अन्य वस्तुओं को मिल बांटकर उपभोग करता है. ऐसे व्यक्ति की समाज में हमेशा जय जयकार होती है. ऐसे लोग सराहना पाते हैं और समाज के विकास में अपना योगदान देते हैं.


Chanakya Niti : जहां पर ये चीजें न हों उस स्थान को तत्काल छोड़ देना चाहिए