Vidur Niti: जिस व्यक्ति में होते हैं ये गुण वही कहलाता हैं 'पंडित'
विदुर (Vidur Niti ) की शिक्षाएं व्यक्ति को उच्च आचरण करने के लिए प्रेरित करती है.विदुर नीति में उनकी शिक्षाएं और दर्शन देखने को मिलता है.विदुर को धर्मराज का अवतार भी माना जाता है.
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Vidur Niti : विदुर महाभारत के सबसे लोकप्रिय पात्रों में से एक थे. उन्हें धर्मराज का अवतार माना गया है. वे सत्यवादी थे और सत्य के मार्ग पर चलते थे. इस कारण उनका हर कोई सम्मान करता था. कौरव और पांडवों के भी वे प्रिय थे. भगवान श्रीकृष्ण भी उनके प्रशंसक थे. वे कभी कोई गलत सलाह नहीं देते थे. महाभारत के युद्ध को लेकर जब राजा धृतराष्ट्र ने उनसे राय जाननी चाही तो विदुर ही पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने कहा था कि महाभारत का युद्ध विनाशकारी साबित होगा. विदुर की शिक्षाएं ही विदरु नीति कहलाती है. आइए जानते हैं कि आज की विदुर नीति-
जिसमें ये गुण हैं वही पंडित है
एक बार राजा धृतराष्ट्र ने विदुर से प्रश्न किया कि विदुर आपकी नजर में पंडित यानि ज्ञानी कौन है. इस पर विदुर ने बड़ी ही विनम्रता से धृतराष्ट्र से कहा कि महाराज पंडित वही है जिसमें आत्मज्ञान, सत्कर्म, क्षमा और निरंतर धर्म का पालन करने की क्षमता होती है वही पंडित है. इसके साथ ही इन गुणों को स्थिर रखने के लिए पुरषार्थ से वंचित नहीं होता है वही पंडित कहलाने का असली हकदार है. पंडित का एक और गुण है वह है त्याग. वह दूसरों की भलाई के लिए अपना सर्वत्र त्याग देता है. वह उस दीए की तरह है जो खुद जलकर प्रकाश फैलाता है.
जो ऐसा करे वह मूर्ख कहलाता है
एक बार राजा धृतराष्ट्र ने विदुर से पूछा कि विदुर तुम्हारी नजरों में मूर्ख कौन है. इस बार विदुर ने थोड़ी देर विचार करने के बाद कहा कि महाराज जो व्यक्ति बिना बुलाए कहीं भी प्रवेश करे, बिना आज्ञा के कहीं भी बोलने लगे और जो भरोसे के काबिल न हो उन पर भरोसा करे वह मूर्ख कहलाता है. विदुर के अनुसार व्यक्ति को कभी भी बिना निमंत्रण के कहीं नहीं जाना चाहिए. और सभी में व्यक्ति तभी अपने विचार रखे जब उसे बोलने के लिए कहा जाए और जो भरोसे के लायक न हो उसपर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए.
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