Vidur Niti : विदुर हस्तिनापुर के महामंत्री थे. वे राजा धृतराष्ट्र के सलाहकार थे. राजा धृतराष्ट्र हर कार्य करने से पहले विदुर से सलाह लेते थे. विदुर के प्रति उन्हें आदर और विश्वास था. विदुर की वाणी सत्य थी. जिस कारण कौरव और पांडव भी उनका सम्मान करते थे. यहां तक कि भगवान श्रीकृष्ण भी विदुर का बहुत आदर करते थे. विदुर की नीति जीवन में हर पल काम आती है. जो विदुर की नीति को जानता और समझता है उसे किसी प्रकार का कष्ट नहीं होता है. आइए जानते आज की विदुर नीति...


विदुर के अनुसार धर्म मार्ग ही परम कल्याणकारी है. केवल क्षमा ही शांति का सर्वश्रेष्ठ उपाय है. केवल ज्ञान ही परम संतोषकारी है तथा केवल अंहिसा ही सुख प्रदान करने वाली है.


जिस प्रकार घास फूस रहित स्थान में लगी आग अपने आप बुझ जाती है. उसी प्रकार क्षमाहीन व्यक्ति अपने साथ-साथ दूसरों के भी दोष का भागी बना लेता है.


जो व्यक्ति किसी से भी कठोरता से बात नहीं करता है. गलत काम करने वालों का सत्कार नहीं करता, वही व्यक्ति संसार में आदर सम्मान प्राप्त करता है.


जो व्यक्ति शक्तिशाली होने पर भी क्षमाशील है तथा निर्धन होने पर भी दानशील है. इन लोगों के लिए स्वर्ग से भी बेहतर स्थान प्राप्त होता है.


जो व्यक्ति धनी होने पर भी दानशील न हो. गरीब होने पर दुख सहन करने की शक्ति न हो. ऐसे लोगों का अनुसरण नहीं करना चाहिए.


Chanakya Niti : इन चीजों से कोई नहीं बच सकता है, यही दुनिया की रीति है