Vidur Niti: महात्मा विदुर हस्तिनापुर के महामंत्री थे. वे बहुत ही बुद्धिमान, ईमानदार, कुशल राजनीतिज्ञ और विद्वान थे. उन्होंने हमेशा सत्य और धर्म का मार्ग अपनाया. इसीलिए महात्मा विदुर को धर्मराज का अवतार माना गया.


विुदर हमेशा सत्य बोलते थे और सत्य का ही साथ देते थे. इन्हीं कारणों के चलते महाराजा धृतराष्ट्र समय-समय पर गंभीर मामलों पर महात्मा विदुर से सलाह लिया करते थे. महाराजा धृतराष्ट्र और विदुर के बीच जो भी वार्तालाप या संवाद हुआ करता था उसी के संकलन को विदुर नीति कहा गया. विदुर नीति का महत्व आज भी है. विदुर नीति के अनुसार ऐसे व्यक्ति को कभी भी नहीं भूलना चाहिए, जिसने आपकी बुरे समय पर मदद की हो.


बुरे समय पर मदद करने वालों को नहीं भूलना चाहिए


हर इंसान के समय में अच्छा बुरा दिन आता है. जब समय अच्छा रहता है, तो दोस्तों की कमी नहीं होती है. परंतु बुरा दिन आते ही सारे दोस्त एक-एक करके दूर चले जाते हैं. विदुर जी कहते हैं कि जो इंसान/ दोस्त बुरे समय में आपकी मदद करे और आपके साथ मिलकर रहे, तो ऐसे इन्सान को कभी नहीं भूलना चाहिये. बुरे समय में मदद करने वाले का जीवन भर उपकार मानना चाहिए. विदुर जी कहते हैं कि जो व्यक्ति बुरे समय पर मदद करने वालों को नहीं भूलता है. उसकी मदद भगवान भी करता है.


विदुर नीति के अनुसार ख़राब दिन में मदद करने वाले को जो लोग अच्छा समय आने पर भूल जाते हैं. उन्हें स्वार्थी कहा जाता है. ऐसे लोग सबकी नजरों में गिर जाते हैं.ये कभी किसी के प्रिय नहीं हो सकते हैं. समाज में इनका सम्मान नहीं होता है. इन्हें समाज क्या भगवान भी माफ़ नहीं करता है.


स्वार्थी व्यक्ति हमेशा अपने ही हित के बारे में सोचता है. हर इंसान को ऐसे लोगों से हमेशा ही सतर्क रहना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग अपनी आदतों को नहीं बदल सकते हैं. अपना काम निकालने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं.




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