Vijaya Ekadashi 2021 Date: पंचांग के अनुसार 9 मार्च मंगलवार को फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है. महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर और अर्जुन को एकादशी के व्रत के महामात्य के बारे में बताया था. इसके बाद युधिष्ठिर ने इस व्रत को विधि पूर्वक पूर्ण किया था. पौराणिक कथाओं के अनुसार एकादशी का व्रत सभी व्रतों में अत्यंत कठिन और अत्याधिक पुण्य फल प्रदान करने वाला है. इस व्रत को रखने से मोक्ष प्राप्त होता है. एकादशी का व्रत सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करता है और सौभाग्य प्राप्त होता है.


विजया एकादशी का महत्व
विजय एकादशी का व्रत शत्रुओं पर विजय दिलाता है. जिन लोगों के जीवन में किसी प्रकार के शत्रुओं का भय बना हुआ है, वे इस व्रत को विधि पूर्वक पूर्ण करते हैं और नियमों का पालन करते हैं तो उन्हें शत्रुओं से मुक्ति मिलती है. शत्रुओं पर बिजय प्राप्त करने के लिए ही इसे विजया एकादशी कहा जाता है. इसके साथ ही यदि जीवन में यदि बाधाएं आ रही हैं, कार्य पूर्ण नहीं हो रहे हैं इस स्थिति में भी विजया एकादशी का व्रत फलदायी माना गया है.


विजया एकादशी मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ: 8 मार्च 2021 को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट
विजया एकादशी: 9 मार्च 2021
एकादशी तिथि समापन: 9 मार्च 2021 को 03:02 पी एम बजे
एकादशी व्रत का पारण मुहूर्त: 10 मार्च 2021 को प्रात: 06 बजकर 36 मिनट से प्रात: 08 बजकर 58 मिनट तक


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