Vijaya Ekadashi 2023: विजया एकादशी पर करें चंदन का ये उपाय, हमेशा नोटों से भरा रहेगा पर्स
Vijaya Ekadashi 2023: विजया एकादशी का व्रत 16 और 17 फरवरी दोनों दिन रखा जाएगा. विजया एकादशी पर चंदन के कुछ खास उपाय करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है.हर कार्य में सफलता मिलती है.
Vijaya Ekadashi 2023: इस साल फाल्गुन माह की विजया एकादशी का व्रत 16 और 17 फरवरी दोनों दिन रखा जाएगा. शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत दो दिन होता है तो पहला दिन गृहस्थों के लिए वहीं दूसरा वैष्णवजन के लिए होता है. स्मार्त संप्रदाय और परिवारजन को 16 फरवरी 2023 को विजया एकादशी का व्रत रखना उत्तम होगा. वहीं दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय के लोग व्रत रखेंगे. गृहस्थ लोग विजया एकादशी का व्रत पारण 17 फरवरी 2023 को सुबह 08:01 से 09:18 करें. मान्यता है कि विजया एकादशी पर चंदन के कुछ खास उपाय करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है.हर कार्य में सफलता मिलती है. आइए जानते हैं विजया एकादशी व्रत के उपाय.
विजया एकादशी व्रत उपाय (Vijaya Ekadashi Upay)
विजया एकादशी पर शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु को पीले चंदन और केसर में गुलाब जल मिलाकर तिलक वैष्णव लिलक लगाएं. फिर इसी चंदन से स्वंय भी माथे पर टीका लागएं. मान्यता है कि अगर किसी शुभ कार्य से पहले चंदन का टीका लगाकर कर घर से निकले तो उसमें सफलता जरुर मिलती है. पैसों से हमेशा भरा रहता है पर्स. सूर्य तथा गुरु ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती है.
हाथ में नहीं टिकता पैसा (Ekadashi Money Upay)
आर्थिक समस्या से परेशान हैं और अर्जित किया धन हाथ में नहीं टिकता तो विजया एकादशी के दिन डंठल वाले पान के पत्ते पर कुमकुम से श्री लिख कर श्रीहरि को अर्पित करें. विधि पूर्वक विष्णु जी की आराधना करें और फिर पान के पत्ते को लाल कपड़े में लपेटकर धन स्थान पर रख दें. मान्यता है इससे धन का अभाव नहीं होता.
पति-पत्नी के रिश्ते होंगे मधुर
वैवाहिक जीवन में तनाव है, पति-पत्नी के बीच आए दिन झगड़ा होता है, विचारों में मतभेद रहते हैं तो विजया एकादशी के दिन पीतल के लौटे में गंगाजल डालकर उसमें थोड़ी-सी हल्दी, पीला चंदन और तुलसी का पत्ता डालें. इसके बाद पूरे घर में पानी के छीटें दें. कोने-कोने में भी. मान्यता है इससे गृहक्लेश खथ्म होगा और दांपत्य जीवन में मिठास बढ़ेगी.
शत्रु बाधा से मिलेगी मुक्ति
विजया एकादशी का व्रत शत्रु पर विजय दिलाता है. मान्यता है कि इस दिन श्रीहरि की पूजा के बाद एक नारियल को थोड़ा सा काट कर उसमें नारियल का बूरा और घी मिलाकर वापिस नारियल से ढक करे जमीन में गाढ़ दें. ऐसे स्थान का चुनाव करें जहां चीटियों का बिल हो. मान्यता है कि जैसे-जैसे चीटियां नारियल खाएंगी, शत्रु बाधा खत्म होती जाएगी.
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