Dussehra 2021: आज दशहरा का पर्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीराम ने रावण को पराजित कर उसके चंगुल से माता सीता को मुक्त कराया था. इसी उपलक्ष्य में हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा या विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि अहंकारी रावण भगवान श्रीराम के पहले इन चार योद्धाओं से भी हार चुका है. आइये जानें.


राजा बालि से हारा रावण: रावण की पहली हार किष्किंधा के राजा बालि से हुई थी. राजा बालि को यह वरदान प्राप्त था कि जो भी उनके सामने आकर उनसे लड़ेगा, उसकी ताकत आधी हो जाएगी. एक बार जब रावण अपने शक्ति के अहंकार के मद में चूर राजा बालि को ललकारा तो उस समय बालि पूजा कर रहे थे. पूजा में बार-बार विघ्न डालने पर राजा बालि ने उसे अपनी कांख में दबा लिया. रावण के बहुत विनय के बाद बालि ने उसे कांख से मुक्त किया.


भगवान शिव से हारा रावण: कथाओं के मुताबिक अहंकारी रावण जब कई बार इन्द्रादि देवों को पराजित कर दिया, तो वह अपने इसी बल के मद में उसने कैलाश पर्वत पर जाकर भगवान शिव को ललकारा. उस समय भगवान शिव ध्यान में मग्न थे. जब भगवान शिव से कोई उत्तर न मिला तो रावण ने कैलाश पर्वत को उखाड़ने लगा. तब शिव ने अपने अंगूठे से कैलाश पर्वत को दबा दिया. अब रावण भी इसी पर्वत के नीचे दब गया. तब रावण ने भगवान शिव से अपनी जान की भीख मांगी और इसी समय शिव तांडव की रचना की. इससे भगवान शिव प्रसन्न होकर रावण की जान बचा दी.


बच्चों ने रावण को पकड़कर घोड़ों के अस्तबल में कैद कर दिया था: रावण पाताल लोक पर कब्ज़ा करने के नियत से पाताल लोक जाकर राजा को ललकारा. चूंकि पाताल लोक में किसी अन्य लोक की शक्तियां काम नहीं करती. ऐसे में वहां खेल रहे बच्चों इन्हें कैद कर घोड़ों के अस्तबल में डाल दिया.


सहस्त्रबाहु अर्जुन से भी हुआ पराजित: यह रावण सहस्त्रबाहु अर्जुन से भी पराजित हुआ था.


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