Sankashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी पर आज शाम बन रहा है दुर्लभ योग, बप्पा की पूजा से पूरे होंगे काम
Vikat Sankashti Chaturthi 2024: आज विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा. इस दिन शनिवार का संयोग बन रहा है जो शास्त्रों में बहुत लाभकारी माना गया है, जानें इसका महत्व, चतुर्थी के उपाय
Vikat Sankashti Chaturthi 2024: वैशाख महीने की विकट संकष्टी चतुर्थी आज 27 अप्रैल 2024 को है.
विकट का अर्थ है भय, डर. संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी. ऐसे में विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत करने वालों की हर समस्या का नाश होता है.
भय से मुक्ति मिलती है. बप्पा की कृपा से घर में सुख-समृद्धि आती है. इस बार कि विकट संकष्टी चतुर्थी बहुत खास है, इस दिन कुछ खास उपाय करना न भूलें. मान्यता है इन उपायों से फलस्वरूप व्यक्ति की मनचाही इच्छा पूरी होती है. जानें विकट संकष्टी चतुर्थी के उपाय.
विकट संकष्टी चतुर्थी क्यों है खास (Vikat Sankashti Chaturthi 2024 Shubh Yoga)
शास्त्रों के अनुसार चतुर्थी खला तिथि है. कहते हैं शनिवार के दिन पड़ने वाली चतुर्थि सिद्धिदा होती है. इस बार विकट संकष्टी चतुर्थी शनिवार को ही है. ऐसे में इस दिन किए गए सभी कार्यो में साधक को सिद्धि प्राप्त होगी. बाप्पा के आशीर्वाद से अधूरे काम पूरे होंगे. विपदाओं का नाश होगा.
विकट संकष्टी चतुर्थी 2024 मुहूर्त (Vikat Sankashti Chaturthi 2024 Muhurat)
- वैशाख कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि शुरू - 27 अप्रैल 2024, सुबह 08 बजकर 17
- वैशाख कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त - 28 अप्रैल 2024, सुबह 08 बजकर 21
- पूजा समय - सुबह 07.22 - सुबह 09.01
- रात्रि मुहूर्त - शाम 06.54 - रात 08.15
- चंद्रोदय समय - रात 10.23
विकट संकष्टी चतुर्थी उपाय (Vikat Sankashti Chaturthi Upay)
गणेश कवच पाठ - विकट संकष्टी चतुर्थी पर गणेश कवच का पाठ करें. मान्यता है इससे नौकरी और व्यापार में तरक्की के आड़े आ रहे विरोधी शांत होते हैं. उन्नति में बाधा नहीं बनते. भय का नाश होता है.
दूर्वा चढ़ाने का मंत्र - संकष्टी चतुर्थी पर बप्पा का आशीर्वाद पाने के लिए श्री गणेशाय नम: दूर्वांकुरान् समर्पयामि मंत्र का जाप करते हुए गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं. कहते इस उपाय से अधूरी इच्छा पूरी होती है. जिन लोगों के विवाह में अड़चने आ रही है वह दूर्वा में हल्दी लगाकर बप्पा को अर्पित करें. शीघ्र शादी के योग बनेंगे. राहु-केतु के दोषों से भी मुक्ति मिलेगी.
लड्डू का भोग - संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेशजी को 21 लड्डूओं का भोग लगाएं. गणेश को भोग लगाते समय ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: मंत्र का जप करें. कहते हैं इससे कुंडली में बुध मजूबत होता है करियर ऊंचाईयों को छूता है. शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है.
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