हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. इस बार विनायक चतुर्थी 5 अप्रैल के दिन मनाई जाएगी. नवरात्रि के दिनों में पड़ने के कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है. इस बार ही विनायक चतुर्थी और भी खास है, क्योंकि इस बार विनायक चतुर्थी मंगलावर की पड़ रीह है. मंगलवार के दिन पड़ने वाली चतुर्थी को अंगारकी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस चतुर्थी के दिन व्रत और पूजा पाठ आदि करने से व्यक्ति कर्ज से मुक्ति हो जाता है. 


बता दें कि अंगारकी चतुर्थी अंगारक शब्द से बनी है. और अंगारक मंगल का ही एक नाम है और मंगल का सीधा संबंध कर्ज से है. नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की पूजा के साथ अन्य देवी-देवताओं की उपासना भी बहुत महत्वपूर्ण होती है. इस दौरान गणेश की पूजा करना और उनके मंत्रों का जाप करना विशेष फलदायी होता है. 


विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि पूर्वक पूजा के बाद उनके वक्रतुण्डाय मंत्र का जप करें. मंत्र इस प्रकार है- ''वक्र तुण्डाय हुं।''


वहीं, अगर कोई धन-दौलत में वृद्धि करना चाहता है, तो आज के दिन अन्न में घी मिलाकर 108 आहुतियां दें. साथ ही हर आहुति पर इस मंत्र का उच्चारण करें. 


''वक्र तुण्डाय हुं।''


अचानक से बड़ा धन लाभ के लिए,जमा-पूंजी में बढ़ोतरी के लिए, नारियल के टुकड़े की एक हजार आहुतियां दें और साथ वक्रतुण्ड मंत्र का जप करें. 


'वक्र तुण्डाय हुं।'


आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए आज के दिन 1008 बार वक्रतुण्ड मंत्र का जप करें. इसके बाद भगवान का ध्यान करते हुए अष्टद्रव्यों में से किसी एक द्रव्य की 108 आहुतियां दें. इन अष्टद्रव्यों में - गन्ने का रस, सत्तू, केला, चिउड़ा, तिल, मोदक, नारियल और धान का लावा शामिल हैं. 


बता दें कि वैसे तो ये उपाय किसी भी पक्ष की चतुर्थी से शुरू किया जाता है और उसी पक्ष की अगली चतुर्थी तक करते हैं.लेकिन जो लोग ये नहीं कर सकते, वे नवरात्रि के दौरान सिर्फ 1008 मंत्रों का जप करें. और किसी भी एक द्रव्य से 108 बार आहुति देकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं. 


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