Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी व्रत की जनवरी से दिसंबर की लिस्ट, देखें गणेश उत्सव कब होगा शुरू
Vinayak Chaturthi 2025: गणेश जी बुद्धि और विद्या के देवता हैं, इनकी कृपा से व्यक्ति सुख, समृद्धि और ज्ञान पाता है. गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए विनायक चतुर्थी व्रत करना फलदायी माना गया है.
Vinayak Chaturthi 2025: विनायकी चतुर्थी के दिन श्रद्वालू अपने बुरे समय व जीवन की कठिनाईओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करते हैं. माना जाता है कि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है और साधक के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है.
अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है.इस दिन लोग सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक व्रत करते हैं. शाम को गणेशजी के वरद विनायक रुप की पूजा करने के बाद व्रत खोला जाता है.आज नए साल की पहली विनायक चतुर्थी है. आइए जानते हैं साल 2025 में विनायक चतुर्थी कब-कब है.
विनायक चतुर्थी 2025 लिस्ट (Vinayak Chaturthi 2025 List)
- 3 जनवरी 2025 - पौष विनायक चतुर्थी
- 1 फरवरी 2025 - माघ विनायक चतुर्थी (गणेश जयंती)
- 3 मार्च 2025 - फाल्गुन विनायक चतुर्थी
- 1 अप्रैल 2025 - चैत्र विनायक चतुर्थी
- 1 मई 2025 - वैशाख विनायक चतुर्थी
- 30 मई 2025 - ज्येष्ठ विनायक चतुर्थी
- 28 जून 2025 - आषाढ़ विनायक चतुर्थी
- 28 जुलाई 2025 - सावन विनायक चतुर्थी
- 27 अगस्त 2025 - भाद्रपद विनायक चतुर्थी (गणेश चतुर्थी)
- 25 सितंबर 2025 - अश्विन विनायक चतुर्थी
- 25 अक्टूबर 2025 - कार्तिक विनायक चतुर्थी
- 24 नवंबर 2025 - मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी
- 24 दिसंबर 2025 - पौष विनायक चतुर्थी
विनायक चतुर्थी व्रत क्यों महत्वपूर्ण है
गणपति की कृपा से उसे बल-बुद्धि, सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. गणपति की कृपा से उसके सारे काम सिद्ध होते हैं. इसके अलावा घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है. विनायक चतुर्थी गणपति के विनायक रूप को समर्पित है. इस दिन व्रत पूजन करने से उनका आशीर्वाद मिलता है.
विनायक चतुर्थी पर व्रत पूजा की विधि
- इस दिन सुबह उठकर सभी कामों से निवृत होकर स्नान करें.
- इसके बाद घर या मंदिर में भगवान गणेश जी की पूजा करने के लिए साफ कपड़े पहनें.
- पूजा शुरु करते हुए साधक को गणेश मंत्र का उच्चारण करना चाहिए.
- इसके बाद पूजा में पुष्प, धूप, चंदन, मिठाई, फल, और पान का पत्ता इत्यादि चढ़ाएं. भगवान गणेश को उनके प्रिय मोदक का भोग लगाएं.
- ‘ओम सिद्धिविनायकाय नम:’, ‘ओम गं गणपतये नम:’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें
- धूप दीप जलाकर भगवान गणेश की कथा का पाठ करें. आरती करें.
- शाम के समय दोबारा गणेश भगवान की पूजा करें. प्रसाद बांटें और फलाहार कर अगले दिन व्रत पूरा करें.
गणपति पूजा मंत्र
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम्।
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय।।
प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम्।
अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य।।
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