Vinayaka Chaturthi 2020: विनायक चतुर्थी का दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है. क्योंकि भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा गया है. आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी के बारे में.
पंचांग के अनुसार आज आषाढ़ मास की चतुर्थी है. इस चतुर्थी की विशेष बात ये है कि आज बुधवार का दिन है. बुधवार के दिन विनायक चतुर्थी पड़ने से इसका महत्व कई गुणा बढ़ जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार गणेश जी को चतुर्थी तिथि का स्वामी माना गया है. सभी देवताओं में गणेश जी को प्रथम स्थान प्राप्त है.
गणेश जी को बुद्धि का दाता माना गया है. इसलिए गणेश चतुर्थी के दिन की जाने वाली पूजा विशेष फलदायी होती है. यह इस साल की पहली चतुर्थी है जो बुधवार पड़ रही है, इसे एक विशेष संयोग के तौर पर देखा जा रहा है. सभी देवताओं में गणेश जी ही ऐसे देव है जो थोड़ी सी पूजा से ही प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों पर अपना आर्शीवाद बनाए रखते हैं.
पूजा महुर्त
24 जून को बुधवार के दिन चतुर्थी तिथि का आरंभ प्रात: 10 बजकर 17 मिनट से होगा. पूजा का मुहूर्त प्रात: 11 बजकर 01 मिनट से दोपहर 81 बजकर 47 मिनट तक रहेगा.
क्यों कहते हैं विनायक चतुर्थी
हिंदु कैलेंडर के मुताबिक चतुर्थी का व्रत प्रत्येक माह में दो बार आता है. अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं जबकि पूर्णिमा तिथि के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. सबसे महत्वपूर्ण गणेश चतुर्थी होती है जो भाद्रपद महीने में आती है. जो कैलेंडर के अनुसार 22 अगस्त 2020 को मनाई जाती है. इस दिन भगवान गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं.
व्रत की विधि और पूजा
पौराणिक कथाओं के अनुसार गणेश जी का जन्म दोपहर में हुआ था. इसलिए इस दिन दोपहर में पूजा का विधान है. इस दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए और दोपहर में पूजा के बाद चतुर्थी देवी पूजा शाम को की जाती है. इसके बाद चंद्रमा का दर्शन कर जल चढ़ाया जाता है. इसके बाद चंद्रमा की पूजा और व्रत का पारण किया जाता है.
Aaj Ka Panchang 24 June 2020: आज है विनायक चतुर्थी, गणेश जी को करें प्रसन्न, जानें राहू- काल का समय