Vinayak Chaturthi 2022: पौष माह में कब है वरद चतुर्थी, जानें तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि
Varad Chaturthi 2022: 6 जनवरी को सुबह 11 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर में 12 बजकर 29 मिनट तक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जा सकती है.
Varad Chaturthi 2022: सनातन धर्म में हर तिथि का अपना अलग महत्व है. हर माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि गणेश जी (Lord Ganesh) को समर्पित है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) के नाम से जाना जाता है. वहीं, शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2022) के नाम से जाना जाता है. पौष माह के शुक्ल पक्ष विनायक चतुर्थी (Paush Month Vinayak Chaturthi) 6 जनवरी को पड़ रही है. इस दिन वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi 2022) मनाई जाएगी.
हिंदू धर्म में चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा-उपासना करने का विधान है. ऐसा माना जाता है कि गणेश जी की उपासना करने से व्यक्ति के जीवन से सभी दुखों का नाश होता है और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है. हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश पूजा से की जाती है. आइए जानते हैं वरद चतुर्थी की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.
वरद चतुर्थी की तिथि (Varad Chaturthi Tithi 2022)
पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 5 जनवरी दोपहर 2 बजाकर 34 मिनट पर शुरू होगी और 6 जनवरी दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर तिथि का समापन होगा. 6 जनवरी दिन में 11 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर में 12 बजकर 29 मिनट तक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जा सकती है. इसके अलावा, चौघड़िया मुहूर्त में भी साधक बप्पा की पूजा कर सकते हैं.
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वरद चतुर्थी पूजा विधि (Varad Chaturthi Puja Vidhi)
वरद चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें. घर की साफ-सफाई करें. इसके बाद नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिला लें और स्नान करें. भगवान का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पंचोपचार कर भगवान गणेश की पूजा (Ganesh Puja) फल, फूल और मोदक से करें. भगवान गणेश के निम्न मंत्रों (Ganesh Ji Mantra Jaao) का जाप करें.
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
इस दिन दिनभर उपवास रखें. व्रती चाहे तो दिन में एक फल और एक बार जल ग्रहण कर सकता है. शाम के समय भगवान की आरती कर फलाहार करें. अगले दिन पूजा पाठ संपन्न कर व्रत का पारण करें.
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