Vishwakarma Puja 2021: आज विश्वकर्मा जयंती पर 1 घंटा 32 मिनट तक है राहुकाल, इस मुहूर्त में करें पूजा, होगी तरक्की
Vishwakarma Jayanti 2021: देवशिल्पी बाबा विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाना जाता है. इन्हीं की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा की जाती है.
Vishwakarma Jayanti 2021 Puja: विश्वकर्मा पूजा का त्योहार हर साल 17 सितंबर को मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन दुनिया के पहले इंजीनियर व शिल्पकार का जन्म हुआ था. धार्मिक मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ब्रह्मा के 7वें पुत्र हैं. इन्होंने सृष्टि के निर्माण में ब्रह्मा जी का सहयोग किया था.
हिंदू पंचांग के अनुसार भगवान विश्वकर्मा जयंती का पर्व कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है. इस तिथि को इंजीनियरिंग संस्थानों, फैक्ट्रियों, कल-कारखानों व कामगार समूहों द्वारा मशीनों, हथियारों व औजारों की पूजा की जाती है. इस दिन ये लोग भगवान विश्वकर्मा की विधि -विधान से पूजा करते हैं. इससे भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होकर उनपर अपनी कृपा बरसते हैं. मान्यता है कि उनकी कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही व्यापार में तरक्की और उन्नति प्राप्त होती है.
विश्वकर्मा पूजा 2021: शुभ मुहूर्त
हिंदी पंचांग के अनुसार, विश्वकर्मा पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 17 सितंबर को सुबह 6:07 बजे से लेकर 18 सितंबर शनिवार को दोपहर 3:36 बजे तक है. ध्यान रहे कि 17 सितंबर को सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक राहुकाल रहेगा.
राहुकाल का समय: आज सुबह 10 बजकर 30 मिनट से दोपहर 12 बजे तक राहुकाल है. यह राहुकाल कुल 1 घंटा 32 मिनट तक रहेगा. इस दौरान विश्वकर्मा पूजा न करें. क्योंकि ज्योतिष के अनुसार, राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है.
विश्वकर्मा पूजा का महत्व
विश्वकर्मा जयंती के दिन इनकी विधि पूर्वक पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही व्यापार में तरक्की और उन्नति होती है. कहा जाता है कि तकनीकी क्षेत्र से जुड़े जो भी लोग हर साल विश्वकर्मा जयंती पर इनके साथ अपने औजारों और अस्त्रों की पूजा करते हैं, उन्हें पूरे साल उनके हथियारों और औजारों से निर्वाध गति में कम करने में किसी बाधा का सामना नहीं करना पड़ता है.